- करीब 137 दिन बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा
- विपक्ष का आरोप, सिर्फ विधानसभा चुनावों के संपन्न होने का था इंतजार
2024 के आम चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन दिल्ली की गद्दी पर नजर हर किसी की। किसी को अपनी सत्ता बचाए रखनी है तो किसी को सत्ता छीननी है। सत्ता छिनने वालों की लिस्ट बड़ी लंबी है। कांग्रेस, बीजेपी को उखाड़ फेंकने की बात तो करती है लेकिन जमीनी सच्चाई से लोग वाकिफ हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अखिल भारतीय मोर्चे की वकालत करती हैं, तो तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव भी पीछे नहीं है। हाल ही में जब खबर आई कि उनकी तरफ से चुनावी चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर को 300 करोड़ दिए गए हैं तो उस खबर का खंडन करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। लेकिन अब उनके ऊपर कांग्रेस के कद्दावर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे निशाना साध रहे हैं। इन सबके बीच मंगलवार को जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल हुआ तो कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल हमलावर हो गए।
पेट्रोल- डीजल की कीमतों में उछाल पर सियासत गरमाई
ईंधन की कीमतों में वृद्धि करके मोदी सरकार गरीबों को लूटकर 10,000 करोड़ रुपये का पैसा कमा रही है। कई लोग कहते हैं कि यूक्रेन-रूस संकट के कारण कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, हमने रूस से कच्चे तेल का 1% नहीं खरीदा।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम को पहले से कह रहे थे विधानसभा चुनाव के बाद ईंधन की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि होगी, हम सही साबित हुए हैं। मोदी सरकार गरीबों को लूटने में जरा भी हिचक नहीं रही है. हम लोकसभा के बाहर और अंदर आम लोगों के लिए इसके खिलाफ खड़े होंगे:
ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने कहा कि ऐसे करती है सरकार, अखिलेश यादव ने अपने प्रचार अभियान में बार-बार कहा है कि आप लोग सतर्क रहें, चुनाव के बाद महंगाई बढ़ने वाली है. पता नहीं उन्हें (भाजपा को) सत्ता में किसने लाया।
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कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आरएसएस प्रमुख को अपनी सरकार को सामाजिक भेदभाव मिटाने की सलाह देनी चाहिए। केसीआर हमारे नेताओं को लेकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वह चिंतित हैं क्योंकि भाजपा तेलंगाना में जमीन हासिल कर रही है। मोदी सरकार रक्षा बजट कम करते हुए देश की रक्षा करने का दावा करती है। कांग्रेस के साथ साथ कई क्षेत्रीय दल पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। शिवसेना का कहना है कि यह सरकार आम लोगों के बारे में नहीं सोचती है।