- देश में टीकाकरण की अभियान की रफ्तार पहले धीमी हुई
- अभ तक रजिस्टर्ड लोगों को टीका लगाने में लगेंगे 3 महीने
- कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन होने के बाद ही लोगों को लग सकेगा टीका
मुंबई : स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा कोरोना से बचाव के लिए टीके पर जोर दिए जाने के बाद हर कोई वैक्सीन लगवाने के लिए को-विन एप पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास कर रहा है लेकिन रजिस्टर होने वाले लोगों और जिन्हें टीका लग रहा है उनके बीच अंतर तेजी से बढ़ रहा है। यहां तक कि कोविन पर रजिस्ट्रेशन की संख्या में कमी आई है। एक मई से सात मई के बीच कोविन एप पर 2.42 करोड़ लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
अब तक 19 करोड़ से ज्यादा लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
कोविन एप पर अब तक 19 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। जहां तक प्रतिदिन कोरोना का पहला और दूसरा डोज लगाने की बात है तो एक मई से सात मई के बीच यह गिरकर औसतन 16.6 लाख पर आ गया है। यह संख्या अप्रैल की शुरुआत में औसतन 40 लाख से ज्यादा थी। देश में टीकाकरण की जो अभी रफ्तार है उसके हिसाब से अब तक जितने लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है उन्हें टीके का डोज देने में करीब तीन महीने लगेंगे।
राज्यों को 42 लाख डोज भेजे जाएंगे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्व वर्धन के एक ट्वीट के मुताबिक राज्यों के पास कोरोना टीके की 72 लाख डोज मौजूद है जबकि अगले तीन दिनों में राज्यों को 42 लाख डोज भेजे जाने हैं। इन दोनों को मिलकर राज्यों के पास 1.14 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले सप्ताह में जितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है उनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को डोज नहीं लग पाएंगे।
वयस्क आबादी को टीका लगाने में लगेंगे 3 महीने
कोरोना वॉरियर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को जब टीका लगाने की शुरुआत हुई तो इनकी संख्या करीब 24 करोड़ थी। अब तक मुश्किल से आबादी का एक तिहाई हिस्से को खुराक मिल पाई है। इसी बीच सरकार ने एक मई से देश भर में 18-44 साल के लोगों को टीका लगाने की शुरुआत की। इस आयु वर्ग के साथ 60 करोड़ लोग भी वैक्सीन लगवाने के पात्र बन गए। चूंकि देश में अभी रोजाना 17 लाख से कम टीकाकरण हो रहा है, इसे देखते हुए पूरे 94 करोड़ वयस्क आबादी को टीका लगाने में करीब 100 दिन अथवा करीब तीन साल लग जाएंगे।
सीरम- बॉयोटेक ने बढ़ाई टीके की उत्पादन क्षमता
सोमवार से शुक्रवार तक देश भर में करीब 60,000 केंद्रों पर टीकाकरण हो रहा है। इनमें टीकाकरण करने वाले निजी केंद्रों की संख्या 3000 से भी कम है। ये निजी केंद्र ज्यादातर बड़े शहरों में स्थित हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में टीकाकारण का भार बहुत हद तक राज्य सरकारों पर है। कई राज्यों में टीके की कमी के चलते केंद्रों को बंद भी करना पड़ा है। सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बॉयोटेक की वैक्सीन उत्पादन क्षमता हर महीने क्रमश: छह करोड़ और दो करोड़ है। यानि कि दोनों प्रतिदिन मोटे तौर पर करीब 26 लाख डोज तैयार करते हैं। दोनों ही कंपनियां टीका उत्पादन की अपनी क्षमता बढ़ा रही हैं। क्षमता बढ़ भी जाने पर पर्याप्त टीके जुलाई तक उपलब्ध हो पाएंगे।