- वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है
- अपने इस्तीफे में आजाद ने राहुल गांधी को अनुभवहीन नेता बताया है
- आजाद का कहना है कि सोनिया नाम मात्र की अध्यक्ष हैं, फैसले राहुल लेते हैं
Ghulam Nabi azad resignation : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। आजाद जैसे वरिष्ठ नेता का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है। वह कांग्रेस के काफी पुराने एवं अनुभवी नेता हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी, राहुल गांधी, पीवी नरसिम्हाराव से लेकर अब तक सरकार एवं पार्टी संगठन में अहम पदों को संभाला है। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। ऐसे कद्दावर नेता के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी की अंतर्कलह खुलकर और बाहर आ गई है। सूत्रों का कहना है कि आजाद लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। कांग्रेस ने उन्हें हाल ही में जम्मू कश्मीर में प्रचार अभियान समिति एवं राजनीति मामलों का चेयरमैन नियुक्त किया था, उन्होंने इन पदों से भी इस्तीफा दे दिया।
आजाद ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए
आजाद ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी सोनिया गांधी को लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने अपने इस्तीफे के कारणों का जिक्र करते हुए सांसद राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का आरोप है कि उपाध्यक्ष बनने के बाद से ही राहुल गांधी की पार्टी में दखलदांजी करने लगे। उन्होंने अध्यादेश फाड़कर अपनी अपरिपक्वता का परिचय दिया। ऐसे ही कई संगीन आरोप आजाद ने राहुल गांधी पर लगाए हैं।
- कांग्रेस की इच्छाशक्ति और क्षमता दोनों खत्म हो गई है
- पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया गया
- पार्टी में अनुभवहीन, चापलूस नेताओं की दखलंदाजी बढ़ी
- 'रिमोट कंट्रोल मॉडल' से कांग्रेस को बर्बाद किया गया
- भारत जोड़ों से पहले कांग्रेस को जोड़ने की जरूरत है
- उपाध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने बचकानी हरकत की
- सोनिया गांधी नाम की अध्यक्ष हैं, सभी फैसले राहुल लेते हैं
- राहुल गांधी के गार्ड और पीए फैसला लेते हैं
- राहुल गांधी ने पार्टी में लोकतंत्र को खत्म किया
- राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कमजोर किया
विपक्ष की आवाज नहीं बनना चाहते आजाद-माकन
अजय माकन ने कहा आजाद साबह पार्टी के पहुत वरिष्ठ नेता थे। पार्ट के प्रशासन में वे अहमपद पर रहे। दुख की बात है कि जब कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी, सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता एवं संगठन महंगाई पर हल्ला बोल रहे हैं। सात सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हो रही है, ऐसे समय में आजाद साहब ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है। हम महंगाई, बेरोजगारी, ध्रुवीकरण को लेकर भाजपा से लड़ रहे हैं। हम उम्मीद करते थे कि आजाद इस लड़ाई में आवाज बनते लेकिन उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया।
आजाद का इस्तीफा अत्यंत दुख की बात-जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा कि गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा अत्यंत दुख की बात है। महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ पूरी कांग्रेस पार्टी खड़ी है। चार सितंबर को रामलीला मैदान में महंगाई के खिलाफ रैली को राहुल गांधी संबोदित करने वाले हैं। 29 अगस्त को सभी राज्य में कांग्रेस पीसी करने जा रही है। ऐसे समय में आजाद ने यह इस्तीफा दिया है। दूक की बात है कि आजाद विपक्ष की आवाज नहीं बनना चाहते।
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कश्मीर में कांग्रेस नेता का इस्तीफा
आजाद के समर्थन में जम्मू कश्मीर में कांग्रेस नेता मोहम्मद अमीन भट्ट ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। आजाद के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर कांग्रेस की बैठक हो रही है।