- सरकारी कर्मचारी के ससुर के घर से मिली करोड़ों की संपत्ति
- सरकारी कर्मचारी मनोज कुमार बिल पास कराने के नाम पर लेता था घूस
- मनोज कुमार को 2005 में पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर मिली थी नौकरी
हैदराबाद: आंध्र प्रदेश पुलिस ने बुधवार को जब एक छापेमारी की तो उसे भी अंदाजा नहीं होगा कि इस दौरान उसे करोडों की संपत्ति का पता चल सकता है। इस छापेमारा में पुलिस ने बड़े पैमाने पर सोना, चांदी, नकदी, फिक्स्ड डिपॉजिट बॉन्ड, प्रॉमिसरी नोट्स, हथियार और महंगे ऑटोमोबाइल को जब्त किया है। ये सभी कथित तौर पर ट्रेजरी विभाग के कर्मचारी से संबंधित थे। ट्रेजरी विभाग (कोषागार विभाग) के अधिकारी ने यह संपत्ति अवैध तरीके से बनाई है और प्रशासन को पता ना चले इसलिए उनसे इसे अपने ड्राइवर के ससुर के यहां छिपाकर रखा था। आरोपी पर बिल पास करने के लिए घूस लेने का आरोप है।
छापेमारी में मिला ये करोड़ों का माल
मामला आंध्र प्रदेश के अंनंतपुरमू का है। जिला पुलिस अधीक्षक बी. एस येसुबाबू ने एक रिलीज जारी कर बताया कि इस मामले को अब आगे की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो को ट्रांसफर कर दिया गया है। एसपी के अनुसार, बुक्करायसमुद्रम गांव में बालप्पा के घर में आठ ट्रंक बॉक्स में सोना, चांदी, नकदी और बांड रखे गए थे। इनमें से 9 एमएम पिस्टल, गोला-बारूद के 18 खाली राउंड, एक एयरगन, 2.42 किलोग्राम सोना, 84.10 किलोग्राम चांदी, 15,55,560 रुपये नकद, 49.10 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट और नेशनल सेविंग स्कीम की रसीदें और 27.05 लाख रु के प्रॉमिसरी नोट्स थे। इसके अलावा 2 कार, एक हार्ले डेविडसन बाइक, एक स्कूटर और चार ट्रैक्टर सहित दो कारें, छह बाइक भी जब्त की गईं।
मंगलवार रात को की थी छापेमारी
चार उप-मंडल पुलिस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों वाली एक टीम ने मंगलवार रात घर की तलाशी ली। एसपी ने बताया 'हमारी जांच के दौरान, यह स्थापित किया गया है कि जब्त की गई संपत्ति ट्रेजरी विभाग में एक वरिष्ठ लेखा परीक्षक गजुला मनोज कुमार की थी। उन्होंने मनोज कुमार नाम के अपने चालक के ससुर बलप्पा के घर में इस अवैध संपत्ति को रखा था।'
आरोपी को अनुकंपा के आधार पर मिली थी नौकरी
मनोज कुमार के पिता एक हेड पुलिस कांस्टेबल थे जिनकी असमायिक मौत होने के बाद मनोज कुमार को 2005 में अनुकंपा के आधार पर ट्रेजरी विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में नौकरी मिली थी। जब्ती के संबंध में सीआपीसी की धारा 102 के तहत मामला दर्ज किया गया है। येसुबाबू ने कहा कि मामले को आगे की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को ट्रांसफर कर रहे हैं।