- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जामनगर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखी
- डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने सेंटर में निवेश के लिए भारत और पीएम मोदी का आभार जताया
- यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरेगा
गुजरात के जामनगर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का मंगलवार को शिलान्यास हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रॉस घेब्रेयसस भी उपस्थित रहे। ये दुनियाभर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक आउटपोस्ट केंद्र होगा। यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरेगा।
WHO के डीजी ने भारत और पीएम मोदी का जताया आभार
इस मौके पर घेब्रेयसस ने कहा कि मेरा भारत से विशेष जुड़ाव है। मैंने भारत से पारंपरिक दवाओं के बारे में सीखा, मैं अपने शिक्षकों का बहुत आभारी हूं। डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन कोई संयोग नहीं है; मेरे भारतीय शिक्षकों ने मुझे पारंपरिक दवाओं के बारे में अच्छी तरह से सिखाया और मैं बहुत आभारी हूं। मैं भी 'बॉलीवुड' फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ हूं और मैं समझता हूं कि स्विस आल्प्स 'बॉलीवुड' प्रशंसकों के लिए एक पसंदीदा जगह है। ये सेंटर जिसे हम लॉन्च कर रहे हैं, वह साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को मजबूत करने के लिए विज्ञान की शक्ति का उपयोग करने में मदद करेगा। इस महत्वपूर्ण पहल का समर्थन करने में उनके नेतृत्व के लिए मैं पीएम मोदी और भारत सरकार का आभारी हूं। जिस दिन से मैंने पीएम मोदी से बात की, उनकी प्रतिबद्धता अद्भुत थी और मुझे पता था कि यह केंद्र अच्छे हाथों में होगा। यह वास्तव में एक वैश्विक परियोजना है। इसका मतलब है कि भारत दुनिया में जाएगा और पूरी दुनिया भारत में आ जाएगी।
मॉरीशस के पीएम प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने कहा कि सेंटर पारंपरिक दवाओं के बचत, लागत प्रभावी उपयोग के लिए नीतियों, मानकों और नियामक ढांचे के निर्माण के लिए साक्ष्य और डेटा संकलित करेगा। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच कोविड 19 से संबंधित दवाओं के आदान-प्रदान को अच्छे पड़ोस की कूटनीति का रोल मॉडल माना गया है। मैं भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ को इस बहुत जरूरी पहल के लिए धन्यवाद देती हूं। वहीं नेपाल के प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा ने कहा कि इस अवसर पर मैं भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ को इस पहल के लिए बधाई देता हूं। जैसा कि वैश्विक कार्यक्रमों में वृद्धि जारी है, समग्र स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने में पारंपरिक दवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। नेपाल और भारत इस जैव विविधता के घर हैं।
क्या है ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (GCTM)
डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) पारंपरिक चिकित्सा के लिए एक ज्ञान केंद्र है। डब्ल्यूएचओ की समग्र पारंपरिक चिकित्सा रणनीति के हिस्से के रूप में यह वैश्विक स्वास्थ्य और सतत विकास के लिए पारंपरिक चिकित्सा के योगदान को अनुकूलित करने के लिए साक्ष्य और सीखने, डेटा और विश्लेषण, स्थिरता और इक्विटी और नवाचार और प्रौद्योगिकी पर एक रणनीतिक ध्यान केंद्रित करता है। ये भारत सरकार के समर्थन से स्थापित किया जा रहा है।
सेंटर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के नेतृत्व के दृष्टिकोण को दर्शाता है कि पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए एक गेम चेंजर होगा। डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन में प्रमुख निवेशक के रूप में भारत ने सेंटर की स्थापना, बुनियादी ढांचे और संचालन का समर्थन करने के लिए अनुमानित यूएस 250 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है। इसमें 2024 में एक नए भवन और परिसर के लिए जामनगर में 35 एकड़ भूमि, एक अंतरिम कार्यालय और 10 साल की प्रतिबद्धता के साथ GCTM परिचालन लागत के लिए समर्थन शामिल है।
ये है मकसद
जामनगर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन पारंपरिक चिकित्सा में वैश्विक परंपराओं और आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति को प्रदर्शित करने वाली एक सुलभ, पर्यावरण के अनुकूल और इंटरैक्टिव फैसिलिटी होगी। डॉ. टेड्रॉस घेब्रेयसस ने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया और जोर देकर कहा कि नया केंद्र पारंपरिक चिकित्सा के साक्ष्य आधार को मजबूत करने में मदद करेगा, जो इसका सहारा लेने वाले लाखों लोगों की मदद करेगा। यह नया केंद्र पारंपरिक चिकित्सा के साक्ष्य आधार को मजबूत करने के लिए विज्ञान की शक्ति का दोहन करने में मदद करेगा। इसके माध्यम से दुनियाभर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का उपयोग करना है।