- ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का निधन
- बेंगलुरु के सेना अस्पताल में चल रहा था इलाज
- 8 नवंबर के हादसे में वो एकलौते बचे थे
Varun Singh News: करीब आठ दिनों तक मौत से संघर्ष करते हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सांस की डोर कट गई। बेंगलुरु के सेना अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। कुन्नूर हेलिकॉप्टर दुर्घटना में एक मात्र जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने बुधवार को दम तोड़ दिया। गत बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस भीषण हादसे में चॉपर में सवार कुल 14 लोगों में से 13 लोगों की मौत हो गई जबकि गंभीर रूप से जख्मी ग्रुप कैप्टन का बेंगलुरु के अस्पताल में इलाज चल रहा था।
शौर्य चक्र से सम्मानित थे वरुण सिंह
बुधवार को, कुन्नूर के पास एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैन्यकर्मियों का निधन हो गया था। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे थे। पिछले साल एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
यूपी के रहने वाले थे वरुण सिंह
यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले वरुण सिंह का एक पोस्ट वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने लिखा था कि पढ़ाई लिखाई में औसत होने का अर्थ यह नहीं कि आप कामयाब नहीं हो सकते। उन्होंने लिखा था कि कामयाब होने के लिए आप को अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हरियाणा के चंडीमंदिर में स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में ग्रुप कैप्टन सिंह ने लिखा था कि औसत दर्जे का होना ठीक बात है। स्कूल में हर कोई उत्कृष्ट नहीं होता और सभी 90 प्रतिशत अंक नहीं ला पाते। अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह एक उपलब्धि है उसकी सराहना होनी चाहिए।