- केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ जारी है किसानों का प्रदर्शन
- हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं
- इस आंदोलन को लेकर भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं
नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि राज्य सरकार के पास इनपुट हैं कि किसान आंदोलन में कुछ खालिस्तान तत्वों की मौजूदगी हैं। उन्होंने कहा गया है कि रिपोर्ट ठोस होने के बाद इसे लेकर खुलासा किया जाएगा। सीएम ने एक वीडियो का जिक्र किया, जिसमें आंदोलन कर रहे किसानों के बीच में से एक शख्स कहता है, 'जब इंदिरा गांधी को ये कर सकते हैं, तो मोदी को क्यों नहीं कर सकते।'
किसानों के विरोध-प्रदर्शन में खालिस्तान तत्वों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा, 'हमारे पास भीड़ में कुछ ऐसे अवांछित तत्वों के होने के इनपुट हैं। हमारे पास रिपोर्ट है, अभी कुछ खुलासा करना ठीक नहीं है। कुछ ठोस आने के बाद खुलासा करेंगे। वहां ऐसे नारे लगे हैं, ऑडियो-वीडियो सामने आए हैं। इनमें कहा गया है कि जब इंदिरा को ये कर सकते हैं, तो मोदी को क्यों नहीं कर सकते।'
BJP ने घेरा
इससे पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें एक शख्स कहता है, 'इंदिरा ठोक दी...मोदी की छाती पर..।' वीडियो ट्वीट करते हुए मालवीय ने लिखा, 'यह किस तरह का किसान आंदोलन है? क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह आग से खेल रहे हैं? कांग्रेस को कब एहसास होगा कि कट्टरपंथी तत्वों के साथ गठबंधन करने की राजनीति की तारीख निकल चुकी है?'
वहीं हरियाणा पुलिस ने राज्य भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी और कई किसानों पर हत्या के प्रयास, दंगा करने, सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने और उनके दिल्ली चलो मार्च के दौरान उल्लंघन के अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने के लिए अंबाला कैंट के पास जीटी रोड पर सैकड़ों किसानों के इकट्ठा होने के बाद एफआईआर दर्ज की गई।
सिंघू और टिकरी सीमा पर डटे किसान
केंद्र द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान भारी पुलिस बल की मौजूदगी में लगातार तीसरे दिन भी सिंघू और टिकरी सीमा पर डटे हैं। किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में एक स्थान की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने संत निरंकारी ग्राउंड की तरफ जाने से इनकार कर दिया। एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंघू बॉर्डर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे। किसान जंतर मंतर जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं। बैठकें चल रही हैं और जब तक अगले कदम का फैसला नहीं हो जाता, तब तक वो सीमा पर ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहेंगे।