- तमिलनाडु में भारी बारिश के बाद आम जनजीवन बुरी तरह हुआ प्रभावित
- आज के लिए भी मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
- चेन्नई के कई इलाके अभी भी जलमग्न, लोगों को हो रही हैं दिक्कतें
चेन्नई: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज भी उत्तरी चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपेट, विल्लुपुरम, कांचीपुरम, रानीपेट और कुड्डालोर जिलों सहित तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए एक रेड अलर्ट जारी किया है। अपने नवीनतम बुलेटिन में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि मौसम प्रणाली 4 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रही थी। नई मौसम प्रणाली बनने के बाद से तमिलनाडु में कुल 14 मौतें हो चुकी है।
मौसम विभाग के मुताबिक इसके गुरुवार शाम तक पुडुचेरी के उत्तर के करीब कराईकल और श्रीहरिकोटा के बीच उत्तर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के आस-पास के तटों को पार करने की संभावना है जिसके बाद यहां भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे तमिलनाडु के लिए अहम साबित होंगे। चेन्नई के कोडंबक्कम और अशोक नगर इलाकों में भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है।
चेन्नई में भारी बारिश
चेन्नई की कई सड़कों पर गुरुवार को पानी भर गया> ट्रैफिक पुलिस ने कम से कम सात सड़कों और 11 सबवे को बंद कर दिया है और यात्रियों के लिए शहर भर में डायवर्जन बनाया गया। रेल पटरियों पर जलभराव के कारण कुछ उपनगरीय ट्रेनों को निलंबित कर दिया गया है जबकि कुछ को देरी से चलाया गया। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कहा कि उड़ानें सामान्य हैं और प्रतिकूल मौसम के कारण हवाई अड्डों पर विशेष व्यवस्था की जा रही है। चेन्नई के केके नगर स्थित ईएसआई अस्पताल में बारिश का पानी घुस गया है। हालांकि यहां ओपीडी सहित सभी सुविधाएं चालू हैं। ESI अस्पताल के डॉ महेश के मुताबिक, COVID19 वार्ड सहित अस्पताल के वार्ड प्रभावित नहीं हुए हैं।
अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने बताया कि दबाव का क्षेत्र बनने के कारण उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तट पर 11 नवंबर की शाम को बारिश होने का अनुमान है। इसके बाद 12 नवंबर को नीलगिरि की पहाड़ियों, कोयंबटूर, सेलम, तिरुपत्तूर और वेल्लोर में बारिश होने का अनुमान है। आपको बता दें तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून के कारण एक अक्टूबर से अब तक सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है और 90 प्रमुख जलाशयों में से 53 जलाशयों में पानी 76 प्रतिशत भंडारण स्तर तक पहुंच गया है।