शिमला : हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को भूस्खलन के बाद अब तक मलबे से 13 शव बरामद किए जा चुके हैं। मलबे में फंसेम लोगों की तलाश और उनके बचाव के लिए सर्च एंड रेक्यू ऑपरेशन चलाया गया है, लेकिन पहाड़ों से बीच-बीच में पत्थर गिरने के कारण राहत एवं बचाव अभियान को रोकना पड़ रहा है। इस बीच तस्वीरें सामने आई हैं, जो बयां करती हैं कि हादसा कितना भयावह था।
किन्नौर में हादसा स्थल से गुरुवार को चार और शव बरामद किए गए हैं, जिसके बाद यहां अब तक बरामद शवों की संख्या 14 हो गई है। हादसे में कुछ वाहनों के साथ हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) की बस भी दब गई थी, जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में मिली है। एक बोलरो भी भूस्खलन की चपेट में आया है।
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भूस्खलन की यह घटना बुधवार दोपहर निचार तहसील के निगुलसारी क्षेत्र के चौरा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 5 पर हुई थी, जब पहाड़ से अचानक बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे। यह सबकुछ इतनी तेजी में हुआ कि किसी को कुछ भी समझ नहीं आया और राह से गुजर रहे वाहन इसकी चपेट में आ गए।
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HRTC की जो बस भूस्खलन की चपेट में आई, वह रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी। जिस जगह बस क्षतिग्रस्त हुई, वहां मौजूद बचावकर्मियों का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें एक बचावकर्मी को कहते हुए सुना जा सकता है कि बस भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 17वीं बटालियन के जवानों को मिली थी।
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दुर्घटनास्थल पर बुधवार को हादसे के कुछ समय बाद ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था, लेकिन अंधेरे के बीच रात 10 बजे इसे रोक दिया गया था। बचाव एवं राहत कार्य एक बार फिर गुरुवार सुबह 6 शुरू किया गया। लेकिन पहाड़ों से पत्थर गिरने के बीच दोपहर में इसे 2 घंटे के लिए फिर से रोकना पड़ा।
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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को हादसा स्थल का दौरा किया। इससे पहले उन्होंने इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। मलबे के नीचे अब भी 30-40 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
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दुर्घटनास्थल पर बुधवार को एक टाटा सूमो भी मिली थी, जिसमें आठ लोग मृत मिले थे। पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण एक ट्रक भी नदी किनारे लुढ़क गया था, जिसके चालक का शव बरामद किया गया। एक क्षतिग्रस्त ऑल्टो कार भी घटनास्थल से बरामद किए जाने की सूचना है। हालांकि उसके अंदर कोई नहीं था।