Ashoka Pillar: विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर अशोक की लाट के शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण कर राष्ट्रीय प्रतीक के रूप को बदलने का आरोप लगाते हुए इसे तत्काल बदलने की मांग की। वहीं इस बीच राष्ट्रीय प्रतीक पर एएसआई के पूर्व एडीजी बीआर मणि ने कहा कि 1905 में बनाए गए अशोक स्तंभ को भारत के संसद भवन के ऊपर स्थापित करने के लिए कॉपी किया गया है। साथ ही कहा कि विपक्षी नेताओं के दावों को निराधार या अर्थहीन नहीं कहेंगे, लेकिन इस पर राजनीतिक टिप्पणी करना सही नहीं है।
विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रीय प्रतीक में उग्र शेरों के चित्रण पर जताई आपत्ति
Ashoka Pillar : नए संसद भवन पर विशाल अशोक स्तंभ का PM मोदी ने किया अनावरण
उन्होंने कहा कि मूल स्तंभ 7-8 फीट है जबकि ये लगभग 21 फीट है। इस तरह के अंतर के साथ परिप्रेक्ष्य बदलता है। जमीनी स्तर के कोण से देखने पर अलग होता है, लेकिन जब सामने से देखा जाता है तो यह स्पष्ट होता है कि इसे कॉपी करने का ये एक अच्छा प्रयास है।
उधर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सारनाथ में अशोक के स्तंभ पर शेरों को पूरी तरह से बदलना भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का एक बेशर्म अपमान है। वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि नरेंद्र मोदी जी, कृपया शेर का चेहरा देखिए। ये महान सारनाथ की प्रतिमा को परिलक्षित कर रहा है या गिर के शेर का बिगड़ा हुआ स्वरूप है। कृपया इसे देखिए और जरूरत हो तो इसे दुरुस्त कीजिए।
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पीएम मोदी ने नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का किया था अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था। इस दौरान आयोजित समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश उपस्थित थे। वहीं विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर संविधान के नियमों को तोड़ने और समारोह में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं करने के लिए निशाना साधा।