साल 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने निचली अदालत में एल शिकायत दी जिसमें आरोप लगाया गया कि यंग इंडियन लिमिटेड द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL)के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि YIL ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को 'दुर्भावनापूर्ण' तरीके से 'कब्जा' कर लिया था। जिसके बाद से गाँधी परिवार कानूनी सवाल -जवाब में इतना फंसी की अबतक उससे निकलने में नाकाम है। नेशनल हेराल्ड एक बार फिर सुर्खियों में इसलिए आ गया है क्योंकि इस बार ईडी ने कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी को समन जारी किया है जिसके मुताबिक उन्हें ईडी के समक्ष पेश होना होगा।
कब बना नेशनल हेराल्ड?
1938 में कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड की स्थापना की थी, कांग्रेस का कहना है कि आजादी से पहले किस समाचार पत्र के जरिए अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई को आवाज दिया गया। लेकिन 2008 में 90 करोड़ से अधिक कर्ज के चलते इसे बंद करना पड़ा, लेकिन 2010 में एक बार फिर इस अखबार को शुरू करने का फैसला लिया गया। लेकिन यह फैसला इतना आसान नहीं था क्योंकि AJL पर 90 करोड़ का कर्ज था, जिसको चुकाने के लिए यंग इंडिया स्थापना 2010 में की गई। सोनिया गांधी और राहुल गाँधी 76 फीसदी शेयर होल्डर थे, 24 फीसदी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास था।
नेशनल हेराल्ड मामला (National Herald case)-
*नवंबर 2012 को दिल्ली हाईकोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया जिसमें सोनिया गांधी राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा ऑस्कर फर्नांडीस सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए।
*26 जून को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया गांधी राहुल गांधी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी की।
* 2014 में ईडी ने केस दर्ज किया और इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताया, 2019 में केस से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति ईडी ने जब्त की।
* 2015 में सोनिया गांधी राहुल गांधी समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी गई लेकिन 2018 में गांधी परिवार को इस मामले में करारा झटका मिला कोर्ट में आयकर विभाग की नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।
* 2018 में कांग्रेस ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया