नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है वहीं रेल विभाग ने श्रमिकों को निकालने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं तो वहीं 12 मई से कुछ यात्री स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी कुछ चुनिंदा रूट्स पर किया जा रहा है, खास बात ये है कि ये ट्रेनें AC हैं, यानि इन ट्रेन से जाने वाले यात्रियों को एसी में ही पूरा सफर करना है।
इन ट्रेनों में सेंट्रलाइज्ड एसी (Centralized AC) लगा हुआ है इसी को लेकर कई सवाल भी सामने आ रहे हैं कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में एसी ट्रेन का सफर सफर कितना सुरक्षित होगा, ऐसा सवाल इसलिए भी सामने आ रहा है क्योंकि WHO ने पहले ही कह दिया है कि इससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
तमाम हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि सेंट्रलाइज एसी से किसी भी इंफेक्शन के फैलने का खतरा बढ़ जाता है,ऐसे में इन एसी ट्रेनों में बड़ी संख्या में लोग सफर कर रहे हैं जिससे यात्रियों में कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा अपने आप ही बढ़ सकता है।
ट्रेन के सेंट्रलाइज्ड एसी से ये है खतरा
सेंट्रलाइज्ड एसी में अगर कोई व्यक्ति खांसता है या छींकता है तो उसकी ड्रॉपलेट्स से संक्रमण (Infection) का खतरा अधिक होता है ऐसे में यदि कोई संक्रमित यात्री उस डिब्बे में सवार है तो आप समझ सकते हैं कि क्या हो सकता है, चीन के वुहान में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
दरअसल एसी बोगियां पूरी तरह से बंद होती हैं और सेंट्रलाइज्ड एसी में हवा को रि-सर्कुलेट किया जाता है और अक्सर वायरस एसी के फिल्टर में अटक जाते हैं और संक्रमण फैला देते हैं इसलिए लंबी यात्रा के दौरान कोरोना वायरस फैलने के ज्यादा आसार हैं।
इसलिए कुछ हेल्थ एक्सपर्ट, यात्री और राज्य सरकारों ने पूरी तरह एसी ट्रेन चलाए जाने को लेकर चिंता जताई है और सरकार से इसपर विचार करने की बात भी कही है, कोरोना संक्रमण के इस दौर में तमाम अस्पतालों में सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम को बंद किया गया है।
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने रेलवे से कहा है कि एसी ट्रेनों में कम तापमान रखा जाए साथ ही एसी यूनिट के फिल्टर को साफ किया जाता रहे। वहीं भारतीय रेलवे का कहना है कि विभाग इस मामले की गंभीरता को समझता है और एसी कोच कंपार्टमेंट के भीतर का तापमान पहले के मुकाबले थोड़ा ज्यादा रखा गया है साथ ही यात्रियों को कोई कंबल नहीं दिया जा रहा है।