- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे के कांग्रेस विधायक राजभवन में धरना पर बैठे
- राज्यपाल के आश्वासन के बाद विधायकों ने राजभवन में अपना धरना समाप्त किया
- कांग्रेस ने राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग की
नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राजभवन और राज्यपाल को लेकर ऐसा बयान दिया, जिस पर बवाल बढ़ता दिख रहा है। उनके इस बयान पर आपत्ति जताई जा रही है। गहलोत ने कहा कि अगर प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। इस पर अब राज्यपाल का जवाब आया है। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम अशोक गहलोत से कहा है कि आपने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर राजभवन का घेराव होता है तो आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी। यदि आप और आपका गृह मंत्रालय गवर्नर की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या होगा?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखते हुए राज्यपाल ने कहा, 'इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करूं, आपने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर राजभवन का घेराव होता है तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी। यदि आप और आपका गृह मंत्रालय गवर्नर की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो राज्य में कानून और व्यवस्था का क्या होगा? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी सीएम का ऐसा बयान नहीं सुना। क्या यह गलत चलन की शुरुआत नहीं है यहां राजभवन में विधायक विरोध प्रदर्शन करते हैं?'
विधानसभा सत्र चाहते हैं गहलोत
दरअसल, मुख्यमंत्री गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल ने इस पर अभी फैसला नहीं लिया है। गहलोत ने कहा कि सरकार के आग्रह के बावजूद ऊपर से दबाव के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। हम सोमवार से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं, जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। ऊपर से दबाव के कारण मजबूरी में वह (राज्यपाल) विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं। राज्यपाल अपनी अंतरात्मा के आधार पर, शपथ की भावना के आधार पर फैसला करें। वरना अगर प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
गहलोत अपने सभी विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान सभी विधायक राजभवन में धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि बाद में राज्यपाल कलराज मिश्र के आश्वासन के बाद विधायकों का राजभवन में धरना समाप्त हो गया।
सीएम गहलोत ने कहा, 'हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं, विपक्ष को इसका स्वागत करना चाहिए। यह लोकतंत्र की परंपरा रही है । परन्तु यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे, अपना बहुमत सिद्ध करेंगे, कोरोना पर बहस करेंगे। बिना ऊपर के दबाव के राज्यपाल इस फैसले (विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला) को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्यपाल महोदय कैबिनेट के फैसले में बाऊंड होते हैं।