Third wave of Corona: ओमिक्रोन वैरिएंट फैलने के बाद अबतक के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का अनुमान है कि नए साल यानी की जनवरी 2022 में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने अपनी स्टडी के आधार पर दावा किया है कि तीसरी लहर जनवरी में शुरू हो जाएगी और फरवरी में इसका पीक रहेगा।
प्रोफेसर मणींद्र का ये भी कहना है कि इससे ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी तक के अनुमान के मुताबिक नए वैरिएंट से फैल रहा संक्रमण हल्का है।
उन्होंने कंप्यूटर मॉडल 'सूत्र' के जरिए पहली व दूसरी लहर का भी पूर्वानुमान जताया था उसी मॉडल के आधार पर उन्होंने बताया कि लहर जनवरी के पहले हफ्ते से दस्तक देगी साथ ही ये भी अनुमान है कि जिस समय तीसरी लहर अपने पीक पर होगी उस समय रोजाना तकरीबन 1 लाख से डेढ़ लाख के बीच संक्रमित मरीजों के की संख्या देखने को मिल सकती है।
"खुद ही लाकडाउन के नियमों का पालन करें"
उन्होंने ओमिक्रॉन वैरिएंट और तीसरी लहर की आशंका पर साउथ अफ्रीका से लेकर बाकी देशों के डेटा को स्टडी किया है, प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार रात्रिकालीन कर्फ्यू, भीड़ लगाने पर प्रतिबंधों से ही केसों की संख्या में कमी आ सकती है उन्होंने सुझाव दिया है कि जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है वह जल्द लगवा लें और खुद ही लाकडाउन के नियमों का पालन करें।
ओमिक्रॉन वैरिएंट अब धीरे-धीरे हिन्दुस्तान तक पहुंच गया है
डॉक्टर भी लगातार कह रहे हैं कि सावधानी रखिए मास्क पहनिए ऐसे में सवाल यही है कि तेजी से फैलने वाला ओमिक्रॉन वायरस जानलेवा नहीं है। जिस ओमिक्रॉन ने यूरोप के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया। जिस ओमिक्रॉन ने कई देशों में लॉकडाउन जैसे हालात बना दिए। जिस ओमिक्रॉन ने फिर से बताया है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ। वही ओमिक्रॉन अब धीरे-धीरे हिन्दुस्तान तक पहुंच गया है। उसी ओमाइक्रॉन के कई केस भारत में मिलने लगे हैं।