- भारत अपने हर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में जुटा हुआ है
- 2022 तक भारतीय मिसाइल बेड़े में होगी शामिल घातक मिसाइल 'रुद्रम'
- नौसेना, थलसेना और वायुसेना तीनों ही जगह भारत कर रहा मजबूत डिफेंस
नई दिल्ली: चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत लगातार अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत कर रहा है। वो चाहे, जल हो, थल हो या फिर वायु हर जगह भारत किसी भी तरह की कोताही बरतना नहीं चाहता था। पिछले एक महीन के दौरान दर्जन भर मिसाइलों का परीक्षण करना इसी का एक उदाहरण है। शुक्रवार को ही भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लड़ाकू विमान से दागे जा सकने वाले प्रारूप का सफल परीक्षण किया। इसे एक सुखोई एमकेआई-30 विमान से बंगाल की खाड़ी में दागा गया।
शुक्रवार को ही नौसेना ने किया गाइडेड मिसाइल का परीक्षण
वहीं शुक्रवार को दूसरी तरफ नौसेना ने भी पूरी सटीकता के साथ बंगाल की खाड़ी में अपने पोत गाइडेड मिसाइल कोरवेट आईएनएस कोरा से एक जहाज-रोधी मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। नौसेना ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा ‘भारतीय नौसेना के गाइडेड मिसाइल कोरवेट आईएनएस कोरा द्वारा दागी गई जहाज-रोधी मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी में अधिकतम दूरी पर स्थित लक्ष्य को सटीकता के साथ निशाना बनाया।’
2022 तक रुद्रम मिसाइल भी बेड़े में होगी शामिल
इसके साथ ही भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी को मजबूती प्रदान करने के अपने लक्ष्य में लगातार आगे बढ़ रहा है। देश की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम 2022 तक भारतीय वायुसेना के बेडे़ में शामिल की जा सकती है। इस मिसाइल के वायुसेना में शामिल होते ही दुश्मनों के रडार और सविलांस सिस्टम को ध्वस्त करने की क्षमता बेहद घातक हो जाएगी। 9 अक्टूबर को ही डीआरडीओ ने इसका सफल परीक्षण किया था।
नौसेना की ताकत में इजाफा
भारतीय नौसेना भी लगातार अपनी ताकत का इजाफा करने में जुटी है। बीते एक हफ्ते के दौरान नौसेना ने पूरी सटीकता के साथ दो ऐसे पोत गाइडेड मिसाइलों का परीक्षण किया है जिन्होंने अपने लक्ष्य को एकदम सही निशाना लगाया। शुक्रवार को जहां नौसेना ने पोत गाइडेड मिसाइल कोरवेट आईएनएस कोरा से एक जहाज-रोधी मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया वहीं पिछले सप्ताह, नौसेना ने अरब सागर में जहाज-रोधी मिसाइल द्वारा एक डूबते जहाज को ‘अत्यंत सटीकता’ के साथ नष्ट करने का एक वीडियो जारी किया था।
क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण
पूर्वी लद्दाख के गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत लगातार अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करने में जुटा हुई है। पिछले डेढ़ महीने के दौरान भारत ने ऐसी दर्जनभर मिसाइलों का परीक्षण कर लिया है जो किसी भी स्थिति में निपटने के लिए तैयार हैं। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) इसी महीने 12 अक्टूबर को स्वदेशी तकनीकी से निर्मित सब सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का सफल परीक्षण किया है। 300 किलोग्राम तक परमाणु अस्त्र ले जाने में सक्षम यह मिसाइल 800 किलोमीटर दूर तक किसी भी लक्ष्य को मार गिराने में पूरी तरह सक्षम है।
सात सिंतबर के बाद जारी है सिलसिला
सबसे पहले, 7 सितंबर को हाइपरसोनिक टेक्नॉलोजी डेमोनस्ट्रेटर व्हीकल (एसएसटीडीवी) का सफल परीक्षण किया गया था। उसके बाद डीआरडीओ ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का परीक्षण किया और फिर शौर्य सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया, जो आवाज से दोगुनी-तिगुनी रफ्तार से चलने में सक्षम है।