इस प्रोजेक्ट के जरिए 86 हेलीकॉप्टर्स को मॉडिफाई किया जाएगा जिनमें 54 Mi-17 और 32 Mi-17 1V वेरिएंट शामिल हैं।अपग्रेडेशन का काम भारतीय वायुसेना के चंडीगढ़, गुवाहाटी और येलाहांका बेसेज में प्राइवेट कंपनियों से करवाया जाएगा ।इस अपग्रेड के जरिए Mi-17 और Mi-17 1V हेलीकॉप्टर्स को अत्याधुनिक सर्विलेंस डिवाइसेज और इलेक्ट्रॉनिक वार फेयर इक्विपमेंट से लैस किया जाना है। मॉडिफिकेशन के इस काम में दोनों ही हेलीकॉप्टर्स पर 14 नए सिस्टम लगाए जाने हैं।
इसके अलावा, Mi-17 के लिए लगभग 41 मैकेनिकल और 67 इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन और Mi-17 1V के लिए 46 मैकेनिकल और 73 इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन हैं। 9 जुलाई को भारतीय वायुसेना ने इस अपग्रेड के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया है।
भारतीय वायु सेना के मल्टीपल मिशन में काम करते हैं यह हेलीकॉप्टर्स
भारतीय वायुसेना के पास 220 से ज्यादा Mi-17 सीरीज के हेलीकॉप्टर हैं जो भारतीय वायुसेना के ऑपरेशंस की मजबूत कड़ी हैं। इनका इस्तेमाल टैक्टिकल ऑपरेशन, ट्रूप मूवमेंट, स्पेशल ऑपरेशंस, हाई एल्टीट्यूड एरियाज में साजो-सामान की आवाजाही, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए किया जाता है।
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तीन दशक पहले वायुसेना में शामिल हुए थे Mi-17 हेलीकॉप्टर
Mi-17 को 1991 में वायुसेना में शामिल करना शुरू किया गया था और धीरे-धीरे इनसे पहले के Mi -8 को रिप्लेस कर दिया गया। 2001 में, 40 अधिक शक्तिशाली 1V वेरिएंट की खरीद की गई थी। 2012 में, IAF ने उन्नत V5 संस्करण को चंडीगढ़ में असेंबल कर अपने बेड़े में शामिल करना शुरू किया था। पुराने संस्करणों को इंडस्ट्री की मदद से अपग्रेड करने का फैसला भारतीय वायुसेना द्वारा सीमित आंतरिक क्षमता को देखते हुए लिया गया।
अपग्रेड में शामिल होंगे यह नए सिस्टम
Mi-17 के लिए सूचीबद्ध संशोधनों में कुछ मौजूदा एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और नेविगेशन एड्स को हटाने और उन्हें स्मार्ट मल्टी-फ़ंक्शन डिस्प्ले, मौसम रडार, यातायात कोलिजन और बचाव प्रणाली और वायु डेटा सिस्टम के साथ बदलना शामिल है। नये इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट में रडार वार्निंग रिसीवर, मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम भी लगाए जाएंगे।
4 साल में पूरा होगा अपग्रेड प्रोजेक्ट
मौजूदा GPS को रूसी नैविगेशन सिस्टम GPS-GLONASS से रिप्लेस किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में टैक्टिकल एयर नेवीगेशन सिस्टम इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और ओमनीडायरेक्शनल रेडियो नेविगेशन एड भी लगाई जाएगी। माना जा रहा है कि अगले 4 सालों में मॉडिफिकेशन का यह काम पूरा हो जाएगा यानि हर साल 24 हेलीकॉप्टर्स को अपग्रेड किया जाएगा।