- चीन से सीमा विवाद के बीच IAF के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक होने जा रही है
- यह बैठक तीन दिनों तक चलेगी, जो 10 नवंबर को शुरू होगी
- इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारी भी संबोधित करेंगे
नई दिल्ली : भारत-चीन तनाव के बीच भारतीय वायुसेना (IAF) के वरिष्ठ अधिकारी सीमा पर सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं। यह बैठक 10 नवंबर से शुरू होने जा रही है, जो तीन दिनों तक चलेगी। इसमें चीन के साथ-साथ पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर भी सुरक्षा हालात की समीक्षा की जाएगी।
भारत के उत्तर व पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान होगी। यह 1 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना के प्रमुख का पदभार संभालने के बाद एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की अगुवाई में पहली कमांडर्स कॉन्फ्रेंस होगी। वायुसेना प्रमुख के तौर पर उन्होंने एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) आरकेएस भदौरिया की जगह ली है।
लद्दाख में तनाव के बीच बैठक
यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब भारतीय सेना और वायुसेना की टीम ने पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में संयुक्त रूप से सैन्य अभ्यास किया है। भारतीय बलों ने इलाके में चीन द्वारा सैन्य अभ्यास किए जाने के बाद यह सैन्याभ्यास किया था। कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सैन्य व सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी संबोधित करेंगे।
यह कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में होने जा रहा है, जबकि अमेरिकी रक्षा कार्यालय पेंटागन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश से लगने वाले सीमा क्षेत्र में लगभग 100 घरों का एक गांव बसा लिया है और इसे लेकर भारत में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। विपक्ष ने इसे लेकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है तो संसद में इस पर चर्चा की मांग भी की है।