- राज्य के 52 में से 49 जिलों में कोरोना वायरस दे चुका है दस्तक
- इंदौर जिला कोरोना के मामले में सबसे आगे, भोपाल दूसरे नंबर पर
- इंदौर में 100 से ज्यादा मरीज गंवा चुके हैं अपनी जान
इंदौर: मध्यप्रदेश की औद्योगित नगरी और आर्थिक राजधानी कहा जाने वाला इंदौर शहर इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। पिछले तीन साल में इंदौर ने देश के सबसे साफ शहर के रूप में जो छवि बनाई थी उसे तीन महीने में कोरोना ने लील लिया है। यहां के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में 20 मई 2020 तक कोरोना के कुल 5508 मामले आए हैं। जिसमें से 2630 लोग ठीक हो चुके हैं और 256 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण वाले राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश महाराष्ट, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान के बाद छठे स्थान पर है।
इंदौर जिले का हाल प्रदेश में सबसे ज्यादा बेहाल है। इंदौर में अब तक कुल 2,715 लोग संक्रमित हैं और अबतक तकरीबन 105 लोग अपनी जांच गंवा चुके हैं। इंदौर के बाद मध्यप्रदेश में सबसे भयावह स्थिति राजधानी भोपाल में है। भोपाल में 1,046 लोग कोरोना से संक्रमित हैं यहां 39 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन अगर मौत के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इंदौर के बाद दूसरे पायदान पर उज्जैन है। उज्जैन में 362 संक्रमित लोगों में से 48 लोग जानलावे वायरस के कारण काल के गाल में समा गए।
52 में से 49 जिले हुए प्रभावित
राज्य में कोरोना के मामले प्रवासी मजदूरों की वापसी की बाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राज्य के 52 जिलों में से 49 में कोरोना की दस्तक हो चुकी है। बालाघाट,मंडला, सिवनी, उमरिया, डिंडोरी, दमोह, पन्ना, गुना, राजगढ़, सिंगरौली, टीकमगढ़ और छतरपुर आदि जिलों में कोरोना का मरीज आ चुके हैं और इनमें से अधिकांश वो हैं जो बाहर से आए हैं।
80 हजार तक मामले पहुंचने की है संभावना
माना जा रहा है कि जिस हिसाब से प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उससे मरीजों की संख्या जुलाई में 80 हजार तक पहुंचने का अनुमान है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई का कहना है कि प्रदेश में 80 हजार मामले बढ़ने का अनुमान है, लेकिन लोगों को घबराने की नहीं बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने की जरूरत है।