नई दिल्ली: पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली 18 साल की ग्रेटा थनबर्ग ने हाल ही में हमारे देश के आंदोलनकारी किसानों के पक्ष में ट्वीट किया। इसके बाद देश की कई हस्तियों ने एक के बाद एक ट्वीट कर देश को इस समय में एकजुट रहने का ट्वीट किया। लोगों ने आपत्ति जताई कि किसानों का आंदोलन हमारा आंतरिक मामला है, इस पर बाहर के लोगों को प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए। यहां तक कि विदेश मंत्रालय ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
देश की कई हस्तियों द्वारा ट्वीट करने और ग्रेटा थनबर्ग पर प्रतिक्रिया को लेकर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों को गुमराह किया जा रहा है। क्या हमारा देश इतना कमजोर है कि विरोध करने वाले किसानों के पक्ष में बोलने के लिए 18 साल की लड़की (ग्रेटा थनबर्ग) को दुश्मन माना जा रहा है?'
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश हस्तियों की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है। मंत्रालय ने कहा है कि कुछ निहित स्वार्थी समूह प्रदर्शनों पर अपना एजेंडा थोपने का प्रयास कर रहे हैं और संसद में पूरी चर्चा के बाद पारित कृषि सुधारों के बारे में देश के कुछ हिस्सों में किसानों के बहुत ही छोटे वर्ग को कुछ आपत्तियां हैं। हम अनुरोध करेंगे कि ऐसे मामलों में जल्दबाजी में टिप्पणी करने से पहले तथ्यों की पड़ताल की जाए और मुद्दों पर यथोचित समझ विकसित की जाए। खासतौर पर मशहूर हस्तियों एवं अन्य द्वारा सोशल मीडिया पर हैशटैग और टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाने की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है।