- रविवार को डोडा में एक सभा में उमर अब्दुल्ला ने दिया बयान
- एनसी नेता ने कहा कि उनके कार्यकाल में आतंकवाद पर रोक लगी
- एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि वह उमर के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे
जम्मू : जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दु्ल्ला के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। सिन्हा ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन कुछ लोगों के लिए काम नहीं कर रहा है बल्कि वह राज्य के पूरे 'अवाम' के लिए काम करता है। प्रशासन राज्य में शांति एवं समृद्धि लाना चाहता है। कोई क्या कह रहा है इस पर ध्यान देना हमारा काम नहीं है। दरअसल, उमर ने रविवार को डोडा में कहा कि मुख्यमंत्री रहते उनके कार्यकाल में जहां आतंकवाद खत्म हो गया था वहां अब फिर से आतंकी घटनाएं हो रही हैं।
'हमारे समय में आतंकवाद पर काफी हद तक रोक लगी'
उमर ने कहा, 'ये आतंकवादी बाहर से नहीं आए हैं। ये युवा कश्मीर से हैं। वे नाराजगी एवं अन्य वजहों के चलते हथियार उठाने लगे हैं। हमारे समय में काफी हद तक रोक लग गई थी। बात अफस्पा हटाने की शुरू हो गई थी। श्रीनगर में कोई जगह ऐसी नहीं है जहां लोग खुद को सुरक्षित महसूस करें। जिन जिन जगहों से आतंकवाद का खात्मा किया गया था उन जगहों पर ये चीजें दोबारा शुरू हो गई हैं।'
एलजी ने उमर के बयान पर नहीं दी प्रतिक्रिया
उमर के इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगने पर उप राज्यपायल ने जम्मू से मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैं उमर अब्दुल्ला के बयान पर कोई प्रतिक्रिया देना नहीं चाहता। जम्मू-कश्मीर का प्रशासन कुछ लोगों के लिए काम नहीं कर रहा है बल्कि वह राज्य के अवाम के लिए काम करता है। हम राज्य में शांति एवं समृद्धि के लिए काम कर रहे हैं। इससे अलग हटकर कोई क्या कह रहा है, उस पर ध्यान देना हमारा काम नहीं है।'
स्थानीय युवाओं को नहीं मिल रहा रोजगार-उमर
उमर ने कहा '5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में निवेश आएगा और रोजगार के अवसर बनेंगे। लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। यहां जो परियोजनाएं चल रही हैं उसमें स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है।' बता दें कि गत पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को मिरे विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करते हुए इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।