नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कहा गया था कि अंबानी, टाटा और बिड़ला जम्मू-कश्मीर में निवेश लाएंगे और रोजगार के बहुत सारे अवसर पैदा होंगे। कुछ नहीं हुआ। चल रही परियोजनाओं में भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे शासन के दौरान जिन इलाकों से उसका सफाया हुआ था, वहां आतंकवाद फिर से बढ़ रहा है। ये आतंकी बाहर से नहीं आए हैं, ये कश्मीर के नौजवान हैं जो गुस्से और दूसरे कारणों से हथियार उठाने को तैयार हैं।
इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई जारी रखने के अपनी पार्टी के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि आज हमारा दुर्भाग्य है कि हमें एक निर्दोष (व्यक्ति) का शव वापस पाने के लिए भी लड़ना है। थथरका में आमिर माग्रे के परिवार से मिलने गए उमर ने बाद में गूल में एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि वह (आमिर) काम करने के लिए श्रीनगर गए थे क्योंकि उन्हें यहां नौकरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि आज भी आमिर के पिता पुलिस सुरक्षा में रहते हैं क्योंकि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
आमिर, एक पाकिस्तानी आतंकवादी, एक डॉक्टर और इमारत के मालिक सहित चार लोगों में शामिल था, जिन्हें पिछले हफ्ते हंदवाड़ा में एक मुठभेड़ में पुलिस ने मार गिराया था। इमारत के मालिक और डॉक्टर के शव कब्र से खोदकर निकाले गए और विरोध के बाद उनके परिवारों को सौंप दिए गए, आमिर का शरीर वहीं दफन रहा, क्योंकि पुलिस ने उसे मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी का सहयोगी कहा था। उमर ने कहा कि आज एक पिता, जिसने अतीत में आतंकवाद और बंदूक के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, वो अपने बेटे का शव मांगता है ताकि वह उसे संस्कार के अनुसार दफन कर सके।