- रक्षा पर संसदीय समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए राहुल गांधी
- भाजपा अध्यक्ष जेपी नेड्डा ने कहा-यह राहुल का गैर-जिम्मेदार रवैया
- कोविड-19 और गलवान घाटी पर सरकार पर निनाशा साध रहे राहुल
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा ने सोमवार को रक्षा मामलों पर स्थायी समिति की बैठक में हिस्सा नहीं लेने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह कांग्रेस नेता के गैर-जिम्मेदार रवैया को दर्शाता है। भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी रक्षा मामलों में संसद की स्थायी समिति की एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लेते।
राहुल ने मोदी सरकार की आलोचना की
बता दें कि राहुल गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार की आलोचना की। अपने एक ट्वीट में राहुल ने कहा कि हॉरवर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) के लिए जीएसटी का गलत क्रियान्यवन, नोटबंदी एवं कोविड-19 से निपटने की सरकार की नाकामियां केस स्टडी होंगे। वह इन पर अध्ययन करेगा। कांग्रेस नेता ने अपने इस ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम एक वीडियो संदेश भी पोस्ट किया। राहुल ने कहा कि देश में कोविड-19 के केस बढ़ रहे हैं और यह दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
राहुल का रवैया गैर-जिम्मेदार : नड्डा
राहुल के इस पोस्ट के बाद भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेता पर हमला बोला। नड्डा ने कहा, 'राहुल गांधी रक्षा पर स्टैंडिंग कमेटी की एक भी बैठक में शरीक नहीं होते हैं लेकिन यह दुखद है कि वह देश का मनोबल गिराते हैं और सशस्त्र सेनाओं की वीरता पर सवाल खड़े करते हैं। वह सभी कुछ करते हैं जो विपक्ष के एक जिम्मेदार नेता को नहीं करना चाहिए।'
राहुल ने सरकार पर साधा है निशाना
गलवान घाटी में गत 15 जून की हिंसा के बाद से राहुल गांधी ने सरकार पर लगातार हमला बोला है। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को 'सरेंडर मोदी' भी कहा। इस पर नड्डा ने राहुल गांधी पर 'देश को बांटने' की कोशिश करने का आरोप लगाया। भाजपा अध्यक्ष ने कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच हुए 'समझौते' पर सवाल उठाए।
वंशवाद के बहाने साधा निशाना
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, 'राहुल गांधी उस शानदार वंशवादी परंपरा से ताल्लुक रखते हैं, जो रक्षा पर आयोजित बैठकों की परवाह नहीं करती है। कांग्रेस में ऐसे कई नेता हैं जो संसदीय मामलों की समझ रखते हैं लेकिन वंशवाद ऐसे नेताओं को पनपने नहीं देता है। यह वास्तव में दुखद है।'