भोपाल : लगता है महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश में राजनीति भूचाल आने वाला है। क्योंकि कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर अकाउंट से अपना कांग्रेसी होने का परिचय हटा दिया है। उन्होंने खुद को सिर्फ पब्लिस सर्वेंट और क्रिकेट प्रेमी बताया है। मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर अकाउंट से पार्टी का नाम हटा दिया है। उनका ट्विटर प्रोफाइल अब 'public servant and cricket enthusiast' के रूप में दिख रहा है।
जब सिंधिया से पूछा गया कि आपके ट्विटर प्रोफाइल में कांग्रेस पार्टी का जिक्र नहीं है तो उन्होंने एएनआई से कहा कि एक महीने पहले ही मैंने ट्विटर पर अपना बायो बदल दिया था। लोगों की सलाह पर मैंने अपना बायो छोटा कर लिया था। इस बारे में अफवाहें निराधार हैं।
ऐसा अनुमान लगाया गया था कि उनके द्वारा अपने प्रोफाइल से कांग्रेस पार्टी के नाम हटाने की वजह मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार और कांग्रेस नेताओं के बीच दरार को दर्शाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि सिंधिया ने पिछले महीने कांग्रेस के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में सरकार गठन के समय कमलनाथ सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद लेने से इनकार कर दिया था।
इसके अलावा, सिंधिया ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के कदम का समर्थन करते हुए ट्वीट कर एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। कांग्रेस उस समय सरकार को घेरने में लगी हुई थी।
कमलनाथ सरकार में कुछ मंत्रियों समेत कांग्रेस के विधायक मांग कर रहे हैं कि सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाए। 2018 में राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सिंधिया समर्थकों ने भोपाल से दिल्ली तक उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी।