- खतरे में कमलनाथ सरकार, बीजेपी विधायक का दावा
- कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर सरकार गिराने के लगाए हैं आरोप
- कांग्रेस ने कहा बीजेपी की कोई भी कोशिश नहीं होगी कामयाब
नई दिल्ली। 2018 में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को जीतकर इतिहास रच दिया था। इन तीनों राज्यों में बीजेपी के हाथ से सत्ता छीन ली। ये बात अलग है कि तीनों राज्यों में किस चेहरे को कमान दी जाएगी इसे लेकर पशोपेश की स्थिति बनी रही। कुछ दिनों के विचार मंथन के बाद नाम तय हुए और कमल नाथ को मध्य प्रदेश की कमान दी गई। लेकिन 2018 से लेकर आज की तारीख में कमल नाथ के सामने आंतरिक और बाहरी शक्तियां चुनौती पेश करती रही हैं।
मध्य प्रदेश में सियासी तूफान
एक बार फिर कमल नाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे है। मंगलवार को कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह ने यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि बीजेपी सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीदफरोख्त में जुट गई है। यह बात अलग है कि शिवराज सिंह ने तुरंत खंडन कर दिया। शिवराज सिंह ने कहा था कि दरअसल दिग्विजय सिंह को बोलने की आदत है वो कुछ भी बोल सकते हैं।
'15-20 विधायक बीजेपी के संपर्क में'
आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच बीजेपी के एक कद्दावर नेता ट्वीट कर कहते हैं कि कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। वो कहते हैं कि कांग्रेस के विधायक खुद अपना काम करा पाने में नाकाम हैं। वो अधिकारियों के पास जाते हैं लेकिन उनका काम नहीं हो पाता है, इसकी वजह से उनमें असंतोष है क्योंकि आखिर में उन्हें जनता को जवाब देना है, 15 से 20 विधायक उनके संपर्क में हैं।
'ऑपरेशन लोटस की खबरों के बीच दिल्ली में कमलनाथ'
कांग्रेस खेमे को जैसे ही खबर लगी कि बीजेपी सरकार गिराने और बनाने के खेल को अमलीजामा पहुंचाने की कोशिश कर रही है तो सीएम कमलनाथ दिल्ली आए, क्योंकि इस तरह की खबर आई कि एमपी सरकार के चार मंत्री दिल्ली में और कुछ विधायक गुरुग्राम के होटल में हैं। इस तरह की खबरें भी आने लगी कि विधायतों को को 100-100 करोड़ रुपए ऑफर किए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा की तस्वीर
230 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार में बने रहने के लिए 116 विधायकों का समर्थन चाहिए। 2018 के नतीजों में 11 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई लेकिन जादुई आंकड़े से 2 सीट पीछे रह गई। कांग्रेस, एसपी और निर्दलियों को समर्थन से सरकार चला रही है। अगर बीजेपी की बात करें तो उसके पास 109 विधायकों की समर्थन है। 2018 चुनाव नतीजों की खास बात यह थी कि बीजेपी को 56 सीटों पर नुकसान का फायदा कांग्रेस को मिला था।