- कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया और जिग्नेश मेवाणी
- कन्हैया कुमार इस देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई के प्रतीक हैं: केसी वेणुगोपाल
- उन्होंने एक छात्र नेता के रूप में कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी: वेणुगोपाल
नई दिल्ली: CPI नेता कन्हैया कुमार और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इससे पहले दोनों ने दिल्ली के शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क में राहुल गांधी से मुलाकात की। जिग्नेश गुजरात के निर्दलीय विधायक हैं, जबकि कन्हैया अब तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे हैं।
कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कन्हैया, जिग्नेश और अन्य सहयोगियों का एआईसीसी मुख्यालय में स्वागत करना हम सभी के लिए खुशी का क्षण है। कन्हैया इस देश में अभिव्यक्ति की आजादी की लड़ाई के प्रतीक हैं। उन्होंने अपने छात्र जीवन में जिस तरह कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी, वह दुनिया ने देखी है। उनके पार्टी में शामिल होने से देश भर के सभी युवाओं में उत्साह है। डायनामिक पर्सनलिटी के शामिल होने से कांग्रेस का पूरा कैडर जोश से भर जाएगा। हम इन युवा नेताओं, कुमार और मेवाणी के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, ताकि इस देश पर शासन करने वाली फासीवादी ताकतों को हरा सकें।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कन्हैया कुमार जी और जिग्नेश मेवाणी जी ने लगातार पिछले 7 साल से देश में चल रही मोदी सरकार और हिटलरशाही की जो नीति है, उसके खिलाफ अपने-अपने तरीके से युवाओं के लिए, गरीबों के लिए, वंचितों के लिए, दलितों के लिए व्यापक संघर्ष किया। हमारे इन साथियों को लगा कि ये आवाज तब और बुलंद हो पायेगी, जब यह आवाज कांग्रेस और श्री राहुल गांधी जी की आवाज में मिलकर एक और एक ग्यारह की आवाज बन जाएगी। मैं हमारे साथी कन्हैया कुमार जी और जिग्नेश मेवाणी जी का आभारी हूं। मैं आपका भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस परिवार में स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं।
मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
दोनों के कांग्रेस में शामिल होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी पर तंज किया। उन्होंने कम्युनिस्ट विचारक रहे कुमारमंगलम की पुस्तक 'कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस' का हवाला दिया जिससे यह प्रतीत होता है कि वह पार्टी पर कटाक्ष कर रहे हैं। तिवारी ने ट्वीट किया किया कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं। अब शायद 1973 की पुस्तक 'कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस' के पन्ने फिर से पलटे जाएं। लगता है कि चीजें जितनी ज्यादा बदलती हैं, वो उतना ही पहले की तरह बनी रहती हैं। आज इसे फिर से पढ़ता हूं।
(भाषा के इनपुट के साथ)