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भड़काऊ बयान मामला : बौद्धिक लोगों के पत्र से कपिल मिश्रा ने मार्क जकरबर्ग को दिया जवाब   

Updated Jun 09, 2020 | 11:05 IST

Kapil Mishra on Mark Zukerberg: फेसबुक के सीईओ ने अपनी एक बैठक में भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बयान का हवाला दिया है। यह बयान दिल्ली हिंसा से संबंधित है। अब कपिल मिश्रा ने अपना जवाब दिया है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
मिश्रा पर भड़काऊ बयान देने के आरोप हैं।
मुख्य बातें
  • कुछ दिनों पहले मार्क जकरबर्ग ने अपने फेसबुक कर्मचारियों के साथ बैठक की
  • इस बैठक में जकरबर्ग ने दिल्ली हिंसा में भड़काऊ बयान का हवाला दिया
  • फेसबुक के सीईओ ने कपिल मिश्रा का नाम नहीं लिया लेकिन बयान उन्ही का था

नई दिल्ली : हिंसा भड़काने वाले बयान में फेसबुक के सीईए मार्क जकरबर्ग की ओर से अपने भाषण का जिक्र होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कपिल मिश्रा सामने आए हैं। मिश्रा ने बौद्धिक लोगों की तरफ से जकरबर्ग को लिखे गए एक पत्र का हवाला देकर फेसबुक के सीईओ को घेरने की कोशिश की है। बौद्धिक लोगों के इस समूह ने दिल्ली हिंसा के लिए मिश्रा के बयान का हवाला देने पर जकरबर्ग की आलोचना की है। 

जीआईए ने मार्क जकरबर्ग को लिखा पत्र
ग्रूप ऑफ इंटेलेक्चुअलस एंड अकेडमिसियन (जीआईए) ने सोमवार को मार्क जकरबर्ग को एक खुला पत्र लिखा। इस पत्र में कहा गया है कि 'जकरबर्ग को अपना बयान तथ्यों एवं डाटा के आधार पर देना चाहिए था न कि सुनी-सुनाई गई बातों पर।' जीआईए की संयोजक वकील मोनिका अरोड़ा का कहना है कि वह जकरबर्ग के बयान से काफी निराश हैं। 

दिल्ली हिंसा पर ई-मेल भी करेगा जीआईए
अरोड़ा ने कहा, 'हमने जकरबर्ग के बयान को पढ़ा है। हमें लगा कि इस बारे में सही चीज सामने आनी चाहिए। हमने उन्हें एक खुला पत्र लिखा है। इसके अलावा हम उन्हें एक फैक्ट फाइडिंग टीम के रूप में जवाब भी ई-मेल करेंगे। जीआईए की एक टीम ने हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली का दौरा किया था। इस टीम ने वहां जमीनी हालात का पता किया। जकरबर्ग ने दिल्ली की इस हिंसा का हवाला दिया है।'

फरवरी में उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा
दरअसल, जकरबर्ग ने पिछले सप्ताह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फेसबुक कर्मचारियों के साथ एक बैठक की। इस बैठक के दौरान उन्होंने अमेरिका में जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद हुई हिंसा और राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप के बयान पर अपनी राय रखी। इस दौरान जकरबर्ग ने कहा 'भारत में भी ऐसे केस हुए। वहां किसी ने कहा था कि अगर पुलिस प्रदर्शनकारियों को नहीं हटाती है तो मेरे समर्थक जानते हैं कि सड़क को कैसे खाली करवाना है।' जाहिर तौर पर यह बयान कपिल मिश्रा का था। विपक्ष दिल्ली हिंसा के लिए मिश्रा के बयान को जिम्मेदार ठहराता आया है जबकि मिश्रा का दावा है कि उनके बयान से दिल्ली में हिंसा नहीं फैली। गत फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में करीब 50 लोग मारे गए।
 

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