हिजाब को लेकर मचे हंगामे के बीच कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु शहर में स्कूलों, पीयू कॉलेजों, डिग्री कॉलेजों या इसी तरह के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के गेट से 200 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार की सभा, आंदोलन या विरोध को तत्काल प्रभाव से दो सप्ताह के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। यह आदेश 22 फरवरी तक प्रभावी रहेगा।
आदेश में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पिछले कुछ दिनों में स्कूल/कॉलेज यूनिफॉर्म नियमों को सख्ती से लागू करने के संबंध में विरोध और आंदोलन किए गए हैं। कहीं-कहीं इन विरोध प्रदर्शनों ने हिंसा को जन्म दिया है, जिससे सार्वजनिक शांति व्यवस्था भंग हुई है। चूंकि बेंगलुरु शहर में इसी तरह के आंदोलन/विरोध प्रदर्शन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए बेंगलुरु शहर में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित सुरक्षा उपाय शुरू करना बहुत आवश्यक है।
हिजाब को लेकर विवाद इस साल जनवरी में तब शुरू हुआ जब कर्नाटक के उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज में कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है। विरोध के दौरान कुछ छात्रों ने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया। इस घटना के बाद विजयपुरा स्थित शांतेश्वर एजुकेशन ट्रस्ट में विभिन्न कॉलेजों के छात्र भगवा स्टोल पहनकर पहुंचे। यही हाल उदीपी जिले के कई कॉलेजों का है।
इन विरोध प्रदर्शनों के बाद सभी विश्वविद्यालयों में 9 फरवरी से तीन दिन की छुट्टी घोषित की गई। प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि छात्र केवल स्कूल प्रशासन द्वारा अनुमोदित ड्रेस पहन सकते हैं और कॉलेजों में किसी भी अन्य धार्मिक प्रथाओं की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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