- कुंभ मेले पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा, कई साधु पॉजिटिव हुए
- कोरोना संकट को देखते हुए मेले से जाएगा निरंजनी अखाड़ा
- कुंभ मेले में अब तक 1700 से ज्याद लोगो कोविड से संक्रमित पाए गए
हरिद्वार : कुंभ मेले पर कोरोना महामारी का असर दिखने लगा है। मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं एवं साधुओं के पॉजिटिव मिलने के बाद अब अखाड़ों ने इस आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन से दूरी बनानी शूरू कर दी है। कुंभ मेले में कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए प्रमुख 13 अखाड़ों में से दो निरंजनी अखाड़ा और तपो निधि श्री आनंद अखाड़ा ने इससे हटने का फैसला किया है। दोनों अखाड़ों ने यहां से जाने के पीछे मेले में कोरोना की बिगड़ते हालात को कारण बताया है। दोनों अखाड़े 17 अप्रैल को कुंभ मेले को अलविदा कह देंगे।
निरंजनी अखाड़े ने की मेले से जाने की तैयारी
निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने अपने एक ट्वीट में कहा कि कुंभ मेले में कोविड-10 की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हमारे लिए इस आयोजन का समापन हो गया है। उन्होंने कहा, 'मुख्य शाही स्नान संपन्न हो गया है और हमारे अखाड़े के कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।' मेले में कई साधु कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का इलाज ऋषिकेष एम्स में चल रहा है जबकि महा निरवाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी कपिल देव का इलाज एक निजी अस्पताल में हो रहा है।
गुरुवार को उत्तराखंड में 2,220 नए केस मिले
गुरुवार को उत्तराखंड में कोरोना के 2,220 नए केस मिले। राज्य में यह एक दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है। कोरोना संकट को देखते हुए इस बार कुंभ मेले के आयोजन के समय में कटौती की गई है। इस बार मेले का आयोजन एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच हो रहा है। सामान्य परिस्थितियों में 12 वर्षों के अंतराल पर आयोजित होने वाला कुंभ मेला करीब चार महीने तक चलता है।
मेले में अब क 1700 से ज्यादा लोग पॉजिटिव मिले
हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में 10 से 14 अप्रैल के बीच 1700 से अधिक लोगों के कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। आशंका है कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा कोविड-19 के मामलों में आ रहे जबरदस्त उछाल को और तेज कर सकता है। स्वास्थ्यकर्मियों ने मेला क्षेत्र में इन पांच दिनों में 2,36,751 कोविड जांच कीं, जिनमें से 1701 लोगों की रिपोर्ट में उनके महामारी से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई। हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी शंभु कुमार झा ने कहा कि इस संख्या में श्रद्धालुओं और विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों की हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक पूरे मेला क्षेत्र में पांच दिनों में की गई आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन जांच दोनों के आंकड़े शामिल हैं।