- मध्य प्रदेश के किसानों वे रूबरू हुए पीएम नरेंद्र मोदी
- विपक्षी दलों से किसानों के मुद्दे और सियासत ना करने की अपील की
- किसानों को दिया भरोसा एमएसपी और मंडी कभी समाप्त नहीं होगी।
भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित किया। नए कृषि कानूनों पर अपनी बात रखते हुए पीएम ने कहा कि विपक्ष इन कानूनों पर बार-बार झूठ फैला रहा है। नए कानूनों को लागू हुए छह महीने से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन एमएसपी खत्म नहीं हुई। उन्होंने कहा कि एमएसपी को लेकर उनकी सरकार गंभीर है और वह समय-समय पर इसे बढ़ाती रही है। पीएम ने कहा कि एमएसपी को यदि खत्म करना होता तो उनकी सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू ही नहीं करती। नए कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में किसान और किसानों के हित सर्वोच्च प्राथमिकताओं मे से एक हैं।
पीएम मोदी से संबोधन के मुख्य अंश
फॉर्मिंग एग्रीमेंट में किसानों को दी सुरक्षा
फॉर्मिंग एग्रीमेंट कोई नई बात नहीं है। हमारे देश में वर्षों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है। कई राज्यों में फार्मिंग एग्रीमेंट होत रहे हैं। पंजाब की कांग्रेस सरकार किसानों एवं मल्टीनेशल कंपनी के बीच करार का जश्न मनाती हुई दिखी। नए कानून में फार्मिंग एग्रीमेंट में किसानों को सुरक्षा देने का काम किया है। हमें कानूनन तय किया है कि किसान से एग्रीमेंट करने वाला अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता। फॉर्मिंग एग्रीमेंट में फसल, उपज का समझौता है, जमीन किसान के ही पास रहता है। नए कानूनों के अनुसार अगर अचानक मुनाफा बढ़ गया तो बढ़ा हुआ मुनाफे में से किसान को हिस्सा देना होगा। एग्रीमेंट करना किसान की मर्जी पर है। कोई किसान के साथ बेईमानी न कर दे इसके लिए कानून में व्यवस्था की गई है। एग्रीमेंट यदि स्पॉन्सर खत्म करता है तो उसे किसान को जुर्माना देना होगा। लेकिन किसान जब चाहे एग्रीमेंट खत्म कर सकता है।
बार-बार झूठ को दोहराया जा रहा है
बार-बार झूठ को दोहराया जा रहा है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का काम हमारी सरकार ने किया। एमएसपी यदि हटानी होती तो हम इस आयोग की रिपोर्ट लागू ही नहीं करते। कानून बनने के बाद भी एमएसपी की घोषणा की गई जैसे पहले की जाती थी। एमएसपी खरीदी उन्हीं मंडियों में हुई। कानून लागू होने के बाद एमएसपी की घोषणा और खरीदी हुई। तो क्या एमएसपी बंद हो जाएगी। मैं कहता हूं कि इससे बड़ा कोई झूठ और षडयंत्र नहीं हो सकता। मैं देश के प्रत्येक किसान को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि एमएसपी न तो बंद होगी और न समाप्त होगी।
हमारी सरकार समय-समय पर एमएसपी बढ़ाती रही है
हमारी सरकार एमएसपी को लेकर काफी गंभीर है। समय-समय पर हम एमएसपी बढ़ाते रहे हैं। हमारी सरकार ने एमएसपी पर ज्यादा फसलों को खरीदा है। इसका मतलब है कि किसानों के पास ज्यादा पैसे गए। दाल पहले विदेशों से मंगाई जाती थी। दाल पैदा करने वाले किसानों को इन लोगों ने तबाह कर दिया। ये लोग दाल पर ज्यादा एमएसपी नहीं देते थे और खरीद भी नहीं देते थे।
..तो यूरिया की किल्लत नहीं होती
किसानों के दुख दर्द के प्रति जरा भी संवेदना होती तो यूरिया की किल्लत कभी नहीं होती। हमने किसानों की इस तकलीफ दूर करने के लिए ईमानदारी से काम किया। हमने कालाबाजारी रोकी। इन लोगों के समय से सब्सिडी किसानों के नाम पर चढ़ाई जाती थी लेकिन इसका लाभ कोई और लेता था। हमने यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिम की। अगले कुछ साल में यूपी के गोरखपुर में, बिहार के बरौनी में सहित कई राज्यों में आधुनिक फर्टिलाइजर शुरू हो जाएंगे। ये आधुनिक फर्टिलाइजर प्लांट रोजगार के लाखों अवसर पैदा करेंगे।
किसानों के प्रति कभी विपक्ष की निष्ठा नहीं रही
इन खाद कारखानों के शुरू करने से पहले किसी ने मना नहीं किया था लेकिन इनकी नीयत नहीं थी। किसानों के प्रति निष्ठा भी नहीं थी। झूठे वादे करने वाले सत्ता में आते रहे, मलाई खाते रहे यही इनका काम रहा है। पुरानी सरकारों को चिंता होती तो 100 से ज्यादा सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक नहीं लटकते। बांध बन गया तो नहरें नहीं बनीं। नहरें बन गईं तो उन्हें आपस में जोड़ा नहीं गया। इन कार्यों में पैसों की जमकर बर्बादी की गई।
मैं इनका कच्चा-चिट्ठा खोलने वाला हूं
मैं आज किसानों और देश के सामने इनका कच्चा-चिट्ठा खोलने वाला हूं। स्वामीनाथ कमेटी की रिपोर्ट आई लेकिन ये लोग सिफारिशों को आठ साल तक दबाकर बैठे रहे। किसान आंदोलन करते थे लेकिन इन लोगों ने ये सुनिश्चित किया कि इनकी सरकार को किसानों पर ज्यादा खर्च न करना पड़ा। इनके लिए किसान देश की शान नहीं बल्कि अपनी राजनीति बढ़ाने के लिए इनका इस्तेमाल किया। हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्टों को निकाला और उसे लागू किया।
इन्हें पीड़ा है मोदी ने यह काम क्यों किया
मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ। बल्कि इन्हें परेशानी इस बात से है कि ये काम मोदी ने क्यों किया। मोदी को इसका क्रेडिट क्यों मिलना चाहिए। मैं कहना चाहूंगा कि इसका क्रेडिट आप रख लीजिए। मुझे किसान के जीवन में आसानी और समृद्धि और किसानी में आधुनिकता चाहिए। किसानों को बरगलाना एवं भ्रमित करना छोड़ दें विपक्षी दल। इन कानूनों को लागू हुए छह सात महीने से ज्यादा समय लागू हो गया है। अब किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं।
नए कानूनों की चर्चा खूब हो रही है
बीते कई दिनों से देश में किसानों के लिए नए कानून बने हैं। उसकी चर्चा बहुत हो रही है। ये कानून रातों रात नहीं आए हैं। पिछले 20-22 साल से राज्यों एवं केंद्र सरकारों, संगठनों ने इन पर विमर्श किया है। कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आए हैं। देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए। इन दलों ने अपने घोषणापत्र की बातों को लागू नहीं किया। इन दलों की प्राथमिकता में किसान कभी नहीं रहा।
जो भी दिक्कत है बताइए
सरकार बार बार पूछ रही है आपको क्या दिक्कत है। जो भी दिक्कत है आप बताइए। राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता। यही इन दलों की सच्चाई है। जिनकी खुद की राजनीतिक जमीन खिसक गई है वे किसानों की जमीन चले जाने का डर दिखाकर अपनी राजनीतिक जमीन बचाना चाह रहे हैं।
नकदी अब सीधे किसानों के खाते में पहुंच रही है
रायसेन में 'किसान कल्याण' रैली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि देश के कोने-कोने से किसान यहां एकत्र हुए हैं। मैं सभी का स्वागत करता हूं। बीते समय में ओले गिरने, प्राकृतिक आपदा की वजह से एमपी के किसानों का नुकसान हुआ है। इस कार्यक्रम में एमपी में 35 लाख किसानों के खातों में 1600 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं। कोई बिचौलिया नहीं कोई कमीशन नहीं है। सीधे किसानों के खातों में नकदी पहुंच रही है। तकनीकी के कारण यह संभव हुआ है।