मुख्य बातें
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह में सैनिकों को संबोधित किया
- चीन को दिया कड़ा संदेश, कहा-विस्तारवादी ताकतें खत्म हुईं
- पीएम ने कहा-शांति के लिए बहादुर होना पहली शर्त है
लेह : लेह की अपनी यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निमू में सैनिकों को संबोधित किया। पीएम मोदी शुक्रवार सुबह चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरावणे के साथ लेह पहुंचे। यहां वह सेना और वायुसेना के अधिकारियों से मिले। इस दौरान सेना के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी। निमू सिंधु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।
लेह में PM मोदी के भाषण का मुख्य अंश
- पीएम ने कहा, 'लेह से लेकर लद्दाख तक और सियाचिन से लेकर कारगिल तक...गलवान के बर्फीली पानी तक..प्रत्येक पहाड़ और चोटी भारतीय सैनिकों की वीरता की गवाह है।'
- पीएम ने कहा, 'जो कमजोर हैं वे शांति की शुरुआत कभी नहीं कर सकते। शांति के लिए प्रयास करने के लिए जरूरी है कि बहादुर होना शर्त है।'
- पीएम ने कहा, 'हम वही लोग हैं जो भगवान कृष्ण की बांसुरी की पूजा करते हैं लेकिन हम उसी भगवान कृष्ण का अनुसरण भी करते हैं जो अपने हाथ में 'सुदर्शन चक्र' धारण करते हैं।
- मैं गलवान घाटी में भारत माता की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का न्योछावर करने वाले बहादुर जवानों को मैं नमन करता हूं। विस्तारवाद का समय अब खत्म हो गया है। यह समय विकासका है। इतिहास गवाह है विस्तारवादी ताकतें या तो खत्म हो गईं अथवा उन्हें पीछे जाने के लिए बाध्य होना पड़ा।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि आप किसी से कम नहीं हैं। आपने जिस तरह से अपनी मातृभूमि की सेवा की है उसकी तुलना नहीं हो सकती। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आपके त्याग, बलिदान, परुषार्थ के कारण और भी मजबूत होता है।
- पीएम मोदी ने कहा कि भारत माता के दुश्मनों ने आपके 'फायर और फ्यूरी' को देखा है। उन्होंने कहा, '14वीं कोर की बहादुरी की चर्चा हर जगह होगी। आपकी बहादुरी एवं साहस की चर्चा आज देश के हर घर में हो रही है।'