नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। किसानों को भरोसा देते हुए पीएम ने कहा कि एमएसपी थी, है और वह आगे भी रहेगी इसलिए किसानों को अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। पीएम ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि सुधार किए गए हैं। विपक्ष सदन में किसान आंदोलन पर चर्चा तो कर रहा है लेकिन यह आंदोलन किस बात हो रहा है, इस पर चुप्पी है। प्रधानमंत्री ने 'आंदोलनजीवियों' पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये 'आंदोलनजीवी' हर तरह के प्रदर्शन में दिखाई दे रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने की जरूरत है। पीएम ने कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना भी की।
राज्यसभा में PM Modi के भाषण की मुख्य बातें
-आंदोलनकारियों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम श्रमजीवी, बुद्धिजीवी की बात सुनते आए हैं लेकिन अब एक और जमात पैदा हो गई है, वह है आंदोलनजीवी। ये आंदोलनजीवी जहां भी प्रदर्शन होते हैं वहां पहुंच जाते हैं। ये हर तरह के प्रदर्शन में नजर आते हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने की जरूरत है। दरअसल ये आंदोलनजीवी एक तरह के परजीवी हैं।
-किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए कृषि सुधारों पर सरकार आगे बढ़ी है। कृषि कानूनों पर किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि एमएसपी थी, एमएसपी है और एमएसपी रहेगी। किसानों को अपना आंदोलन खत्म करना चाहिए।
-सदन में केवल किसान आंदोलन कि चर्चा हो रही है। आंदोलन किस बात पर हो रहा है इस पर बात नहीं हुई। कर्जमाफी से छोटा किसान वंचित रह जाता है।
-याद कीजिए, यहां इसी सदन का भाषण मैं दो-तीन साल पहले का मैं सुन रहा था। मोबाइल कहां हैं, लोग डिजिटल ट्रांजेक्शंस कैसे करेंगे। आज हर महीने यूपीआई से चार लाख करोड़ के ट्रांजेक्शंस हो रहे हैं। जल हो, नभ हो, अंतरिक्ष हो... भारत हर क्षेत्र में अपनी क्षमता के साथ खड़ा है। सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक हो... दुनिया ने भारत का पराक्रम देखा है।
-वैश्विक संबंधों में भारत ने एक पहचान बनाई है। संकट के समय हम मिलकर काम कर सकते हैं। यह केंद्र और राज्य ने मिलकर काम करके दिखाया है। इसके लिए मैं राज्यों का अभिनंदन करता हूं। भारत में सबसे तेज गति से कोरोना का टीकाकरण हो रहा है। फॉर्मेसी के क्षेत्र में भारत तेजी से उभरा है।
-दुनिया को भारत से अपेक्षाएं हैं। विश्व के देश सोचते हैं कि भारत यह काम कर लेगा तो वह दूसरों की मदद के लिए आगे आएगा। देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। 75वें साल को हमें प्रेरणा का पर्व बनाना चाहिए।
-मैथलीशरण गुप्त की कविता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा-अवसर तेरे लिए खड़ा है। फिर भी तु चुपचाप पड़ा है, तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है पल पल है अनमोल अरे भारत उठ आंखे खोल।
-कोरोना के दौरान वैश्विक परिस्थितियां ऐसी बनीं कि मदद करना असंभव सा हो गया। हमें रास्ता खोजना थी भी और लोगों को बचाना भी था। लेकिन भारत ने दिखाया कि वह किसी भी संकट से निपट सकता है।