- मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को डाले जाएंगे वोट
- वोटरों को रिझाने के लिए तमाम उम्मीदवार अपना रहे हैं अलग-अलग तरीके
- गोविंद सिंह राजपूत अपने प्रचार के लिए कर रहे हैं बुंदेलखंडी लोकगीतों का इस्तेमाल
सागर: मध्य प्रदेश में तीन नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए अंतिम चरण का प्रचार अभियान अपने जोर पर है। तमाम उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं और प्रचार के अलग-अलग नुस्खे अपना रहे हैं। भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए लोकगीतों को हथियार बनाया है। सुरखी से भाजपा उम्मीदवार गोविंद सिंह राजपूत ने प्रचार अभियान के लिए बुंदेलखंडी गीतों का इस्तेमाल किया है। राजपूत के लिए वोट मांगने वाले प्रचारक वाहन में सवार होकर लोकगीतों पर ठुमके लगाते हुए नजर आए।
बीजेपी में शामिल हुए थे गोविंद सिंह
गोविंद सिंह राजपूत भी उन नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे गोविंद सिंह ने शिवराज सरकार के गठन के दौरान ही मंत्री पद की सदस्यता ली थी। हाल ही में उन्होंने शिवराज मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और इसकी वजह थी कि कोई भी सदस्य बिना विधायक रहते हुए केवल 6 महीने तक ही मंत्री पद पर बना रह सकता है औऱ इस हिसाब से उनका कार्यकाल 21 अक्टूबर को खत्म हो रहा था।
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर चुनाव
राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में आने से खाली हुए हैं, जबकि दो सीटें कांग्रेस के विधायकों के निधन से और एक सीट भाजपा विधायक के निधन से रिक्त है। इसी साल मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनी।
इसके बाद कांग्रेस के चार अन्य विधायक भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए। विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि काग्रेस के 87, चार निर्दलीय, दो बसपा एवं एक सपा विधायक है। बाकी 29 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से दमोह विधानसभा को छोड़कर 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।