भोपाल: इस बार हुए लोकसभा चुनाव के कई नतीजों ने चौंकाया था। कांग्रेस के कई दिग्गज इस चुनाव में हार गए थे। वे उन सीटों को खो बैठे, जहां से लंबे समय से प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे। ऐसे ही नेताओं में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे, जो गुना संसदीय सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें यहां उनके ही एक पुराने करीबी कृष्णपाल यादव ने हाराया था, जिनके खिलाफ फर्जीवाड़े को लेकर एफआईआर हुई है।
आरोप है कि केपी यादव ने गैर-क्रीमी लेयर जाति प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए जाली कागजात जमा करवाए। इस मामले में केपी यादव और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिससे बीजेपी सांसद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे सार्थक यादव को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए 2014 में अपनी आय 8 लाख रुपये सालाना से कम बताई थी।
हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब उन्होंने पर्चा दाखिल किया तो अपनी आय 39 लाख बताई थी। दोनों आय में अंतर को देखते हुए मुंगावली से कांग्रेस विधायक ब्रजेंद्र सिंह यादव ने इसकी शिकायत एसडीएम को दी थी। शुरुआती जांच के बाद एसडीएम ने केपी यादव और उनके बेटे का जाति प्रमाण-पत्र 16 दिसंबर को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद सोमवार को पुलिस ने इस मामले में एफआई दर्ज किया।
यहां उल्लेखनीय है कि केपी यादव की गिनती कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी नेताओं में होती थी। लेकिन 2018 में वह कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी के साथ हो लिए थे और 2019 का चुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़ा, जिसमें उन्हें जीत मिली, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा था।