- पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना किया जा रहा है सर्वे
- ममता बनर्जी ने कहा कि बैंक और डाकघर "बीजेपी का नाम लिए बिना" डेटा एकत्र कर रहे है
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दुर्गापुर में निकाली सीएए-विरोधी रैली निकाली
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने लोगों से बैंकों तथा डाकघरों के साथ अपनी जानकारी साझा न करने का आग्रह करते हुए दावा किया कि केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लागू करने के लिए केंद्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहा है। ममता ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए बैंकों और डाकघरों के जरिए डेटा एकत्र किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि इस तरह के सर्वेक्षण को "तुरंत रोकना" चाहिए। हालाँकि, उसने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी थी और ये भी नहीं बताया कि इस तरह का सर्वेक्षण कब और कहां हुआ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आगे आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना इस तरह का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
बनर्जी ने कहा कि बैंक और डाकघर 'बीजेपी का नाम लिए बिना…' सर्वेक्षण कराने के लिए लोगों के घरों में जा रहे हैं। ममता ने कहा कि बैंक और डाकघर राज्य सरकार की सहमति के बिना ऐसा नहीं कर सकते हैं। ममता ने लोगों से किसी को कोई जानकारी नहीं देने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य के शीर्ष अधिकारियों को कहा, 'हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। हमें दृढ़ता से इसे संभालना होगा।'
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा सीएए के खिलाफ पहले ही प्रस्ताव पारित कर दिया है। कुछ दिन पहले सीएए के खिलाफ रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ' मेरे जीते पश्चिम बंगाल में सीएए और एनआरसी लागू नहीं हो सकते।' ममता का कहना है कि यह कानून संविधान के मूल्यों के खिलाफ है।