- कपल का हनीमून हुआ खराब, कोर्ट ने मनाली के होटल पर लगाया जुर्माना
- कपल ने होटल और ट्रैवल फर्म के खिलाफ खटखटाया था उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा
- आयोग ने होटल मालिक और ट्रैवल एजेंसी को किया था तलब
चंडीगढ़: दो नए नवेले शादीशुदा जोड़ों ने अपने हनीमून के लिए पहले कई जगह तलाशी और अंत में नजर जाकर टिकी मनाली पर। इसके बाद दोनों जोड़ों ने एक ट्रैवल फर्म के जरिए होटल की बुकिंग करवाई और पहुंच गए मनाली। लेकिन इसके बाद जब वह मनाली के बुक किए गए होटल में पहुंचे तो हैरान रह गए क्योंकि जो तस्वीरें होटल की भेजी गईं थी वो बिल्कुल अलग थीं। इसके बाद कपल ने चंडीगढ़ के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया और अब आयोग ने अपना फैसला सुना दिया है।
क्या था विवाद
कपल ने आरोप लगाते हुए कहा था उन्होंने एक ट्रैवल फर्म के जरिए अपना हनीमून पैकेज बुक किया था लेकिन इसके बाद जब वह होटल पहुंचे तो वो नहीं मिला जो पैकेज में उनसे वादा किया गया था। जबकि उन्होंने बुकिंग के समय ही अग्रिम धनराशि के रूप में 10302 रुपये का भुगतान कर दिया था। कपल ने कहा कि जब वह होटल पहुंचे तो हैरान रह गए क्योंकि बालकनी के जो दृश्य दिखाए गए थे वो मौजूद ही नहीं थे और सुविधाओं का भी अभाव था। कपल ने इसके बाद ट्रैवल फर्म को संपर्क किया लेकिन उसने भी टालमटोल वाली बातें कहीं और होटल ने कमरा बदलने से इनकार कर दिया।
होटल पर वादाखिलाफी का आरोप
अंत में कपल ने दूसरे होटल में चैक इन करने का फैसला किया जहां उन्होंने दो रात ठहरने के 18 हजार तथा टैक्सी किराए पर अतिरिक्त लगे 9500 रुपये खर्च किए। इसके बाद कपल ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का रूख किया और अपनी बात विस्तार से रखी।आयोग ने जब इसके बाद ट्रैवल फर्म और होटल मालिक को तलब किया लेकिन कोई भी आयोग नहीं पहुंचा जिसके बाद आयोग ने कपल के पक्ष में अपना फैसला सुनाया।
क्या कहा आयोग ने
आयोग ने पाया कि शिकायकर्ता को ट्रैवल फर्म ने जो तस्वीरें भेजी थी वो होटल से मेल नहीं खाती थी। इसके बाद आयोग ने ट्रैवल फर्म को आदेश दिया कि वो शिकायतकर्ता को 27302 रुपये का भुगतान करे और असुविधा के लिए भी मुआवजा दे। आयोग ने कहा कि हनीमून किसी भी कपल का एक विशेष और भावुक पल होता है जिसके लिए हर एक के अपने सपने होते हैं। आयोग ने कहा कि इस मामले में कपल का हनीमून खराब किया गया।