- विजय सरदेसाई का पहले कांग्रेस से नाता रहा लेकिन टिकट ना मिलने पर पार्टी छोड़ी थी
- विजय सरदेसाई ने गोवा फारवर्ड पार्टी बनाई और मनोहर पर्रिकर का समर्थन किया था
- प्रमोद सावंत के सीएम बनने के बाद सरकार से हुए थे अलग
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक और गोवा के पूर्व डिप्टी सीएम विजय सरदेसाई ने ममता बनर्जी से मुलाकात की। ममता बनर्जी से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी क्षेत्रीय गौरव की प्रतीक हैं, हम भी एक क्षेत्रीय दल हैं। हम उनके हालिया बयान का स्वागत करते हैं कि भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए। मैं आज उनसे मिला और हम अपनी पार्टी में इस पर चर्चा करेंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि हमने इस मामले पर चर्चा की कि आइए मिलकर चलकर भाजपा के खिलाफ लड़ें। इसलिए फैसला करना उनका फैसला है। हम वोटों के बंटवारे से बचना चाहते हैं। इसलिए क्षेत्रीय दल चाहिए जो भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ चल सकें।
बीजेपी देश को खत्म कर रही है
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि महंगाई ज्यादा है। रसोई गैस, डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़े हैं। जीएसटी से कारोबार प्रभावित, निर्यात घटा लेकिन बीजेपी इन मुद्दों को हल करने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा 'अच्छे दिन' लाएंगे लेकिन वे इस देश को खत्म कर रहे हैं।
मैजिक फिगर 21 के लिए लड़ाई
गोवा विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं, 2017 के चुनाव में कांग्रेस को 17, बीजेपी को 13, अन्य को 10 सीटें मिली थीं। संख्या बल में अधिक रहने के बाद भी कांग्रेस सरकार बनाने में चूक गई थी। अन्य दलों के समर्थन से बीजेपी मे मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में सरकार बनाई थी जिसमें विजय सरदेसाई शामिल हुए थे। लेकिन मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद जब बीजेपी ने प्रमोद सावंत को कमान दी तो विजय सरदेसाई की बीजेपी से दूरी बढ़ी और वो सरकार से अलग हो गए। विजय सरदेसाई का पहले कांग्रेस से ही नाता था।
2012 के चुनाव में जब उन्हें पार्टी ने फातोर्डा सीट देने से इनकार किया तो उन्होंने गोवा फारवर्ड पार्टी बनायी और उनको फायदा भी मिला। अब जबकि विजय सरदेसाई का ना तो कांग्रेस और बीजेपी से नाता है तो टीएमसी को लगता है कि सरदेसाई के जरिए वो गोवा में पैठ बना सकती है।
गोवा में दहाड़ी थीं ममता बनर्जी
गोवा में शुक्रवार को ममता बनर्जी ने कहा था कि वो बंगाल से यहां संबंध निभाने के लिए आई है, वो यहां आकर सीएम बनने का सपना नहीं देख रही हैं। इसके अलावा यह भी कहा कि वो गोवा को बंगाल की तरह मजबूत राज्य बनाना चाहती हैं। केंद्र की दादागीरी नहीं चलेगी। उनके लिए धर्मनिरपेक्षता एक मंत्र हैं और इस बात में यकीन है कि देश में रहने वाला हर एक शख्स बराबर तौर पर सरकारी सुविधाओं को पाने का हकदार है।