- मार्च के मध्य में मरकज निजामुद्दीन में शामिल हुए थे लोग, लौटने के बाद प्रशासन से जानकारी छिपाई
- गिरफ्तार लोगों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का एक प्रोफेसर भी, विवि के शिक्षण कार्यों में हुआ शामिल
- रायबरेली में जमात के लोगों ने 33 लोगों को संक्रमित किया, इन्होंने ने भी अपने बारे में जानकारी छिपाई
प्रयागराज : कोरोना वायरस के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रयागराज पुलिस ने अपना यात्रा इतिहास छिपाने के लिए इलाहाबाद के प्रोफेसर सहित 30 जमातियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 16 विदेशी नागरिक हैं। पुलिस इन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने वाली है जहां से इन्हें जेल भेजा जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को सामने आने और अपने बारे में जानकारी देने की अपील की है। बावजूद इसके इन लोगों ने अपने बारे में जानकारी छिपाई।
जानकारी के मुताबिक मार्च के पहले सप्ताह में ये लोग दिल्ली के मरकज निजामुद्दीन में आयोजित तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां से लौटने के बाद इन्होंने अपने बारे में प्रशासन को जानकारी नहीं दी और विदेशी नागरिकों ने अपना यात्रा इतिहास छिपाया। विदेशी नागरिकों में इंडोनेशिया और थाइलैंड के लोग शामिल हैं। दिल्ली से लौटने के बाद ये विदेशी नागरिक प्रयागराज की दो अलग-अलग मस्जिदों में छिपे हुए थे। हैरान करने वाली बात यह है कि इन 30 जमातियों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का एक प्रोफेसर भी शामिल है।
प्रोफेसर को क्वरंटाइन में रखा गया था
मरकज के कार्यक्रम से लौटने के बाद प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय में कक्षाएं लीं और परीक्षा कार्यक्रम में शामिल हुआ। जानकारी मिलने पर प्रोफेसर को क्वरंटाइन में रखा गया। अब इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस इन लोगों को आज मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी। समझा जाता है कि इसके बाद इन लोगों को जेल जाना होगा।
रायबरेली में जमातियों के संपर्क में आए 33 लोग पॉजिटिव
इस बीच, रायबरेली में जमात के लोगों के संपर्क में आए 33 लोग कोविड-19 के पॉजिटिव पाए गए हैं। यहां से जमात के दो सदस्य मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मरकज के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पहले ये लोग पूर्वी यूपी में बस्ती गए थे और फिर वहां से वापस आए। इन दो लोगों ने 33 व्यक्तियों को संक्रमित किया। इसके साथ ही रायबरेली में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है। इन दो व्यक्तियों ने भी अपने बारे में जानकारी छिपाई। इन्होंने प्रशासन को मरकज कार्यक्रम में शामिल होने की बात अगर बताई होती तो इन 33 लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता था।
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमण की संख्या बढ़कर 1184 हो गई है। इस महामारी से 18 लोगों की मौत हुई है जबकि इस दौरान उपचार के बाद 140 लोगों को ठीक किया गया है।