- ग्वालियर में लगे ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुमशुदगी के पोस्टर
- कोरोना काल में जनता के बीच नहीं आए थे नजर
- पोस्टर लगवाने वाले के खिलाफ एफआईआर हुई दर्ज
ग्वालियर: मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार का तख्तापलट करने वाले कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले कुछ महीनों से नजर नहीं आए हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश कैबिनेट के विस्तार की खबरों से पहले खबर आई है कि ग्वालियर में उनके गुमशुदा होने के पोस्टर उनके निवास जयविलास पैलेस के साथ अन्य जगहों पर लगाए गए हैं। कोरोना के कहर के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार भी ग्वालियर चंबल संभाग में लोगों के बीच या तैयारियों का जायजा लेते नजर नहीं आए।
बताया जा रहा है कि पोस्टर लगाने का काम ग्वालियर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया है। सिद्धार्थ सिंह राजावत के नाम से कार्यकर्ता ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की तलाश करने वाले को 5100 रुपये का ईनाम देने का ऐलान किया है। पोस्टर में लिखा है, तलाश गुमशुदा जनसेवक की। कांग्रेस में रहकर जो जनसेवा नहीं कर पा रहे थे। जो कोरोना महामारी के समय में अप्रवासी मजदूरों की आवाज ना उठा सके। जिन्हें रोड पर उतरने का शौक था वे आज गुमशुदा हैं। उन्हें तलाश कर लाने वाले को 5100 रुपये का नकद ईनाम।
पोस्टर लगवाने वाले के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
गुमशुदगी के पोस्टर लगवाने वाले सिद्धार्थ सिंह राजावत के नाम ग्वालियर के झांसी रोड थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा नेताओं की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई। इसके बाद राजावत को तेजी के कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
कांग्रेस ने लगाया दोहरे चरित्र का आरोप
राजावत के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर दोहरे चरित्र के होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गुमशुदगी के पोस्टर जब उनके गृहनगर छिंदवाड़ा में लगे थे तब भाजपा सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की थी।