- पहले 'रेड जोन' ने लोगों को लगातार खौफ में रखा, क्या अब 'रेड अलर्ट' की है बारी?
- मौसम विभाग ने जारी कर दिया है पहला अलर्ट, प्रचंड गर्मी की शुरुआत
- घबराने की जरूरत नहीं, बस कुछ बातों का ध्यान रखते हुए खुद को सुरक्षित रखें
नई दिल्लीः भारत में लोग इस समय कोरोना वायरस महामारी की वजह से परेशान हैं और लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में बंद हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा चिंता उन क्षेत्रों को लेकर है जहां संक्रमितों की संख्या ज्यादा है और उन्हें रेड जोन (Red Zone) चिन्हित किया गया है। इन सबके बीच अब गर्मी ने भी प्रचंड रूप ले लिया है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है जिसने कठिन परिस्थितियों में हालात और मुश्किल बना दिए हैं। अब जहां ज्यादा कोरोना संक्रमितों वाले इलाके को 'रेड जोन' घोषित किया गया है, वहीं ज्यादा तापमान वाले क्षेत्रों को लेकर मौसम विभाग ने 'रेड अलर्ट' जारी कर दिया है। आइए जानते है इस अलर्ट के बारे में और इससे बचने के तरीके।
रविवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान के लिए अगले दो दिनों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए लू के संबंध में ऑरेंज चेतावनी भी जारी की गई है। अब रेड, ओरेंज और ग्रीन जोन के पशोपेश में फंसे लोगों के लिए मौसम विभाग के रेड अलर्ट और ओरेंज अलर्ट को भी समझना जरूरी है।
क्या है रेड और ओरेंज अलर्ट?
मौसम विभाग चार रंगों के अलर्ट जारी करता है। ये ग्रीन, येलो, ओरेंज और रेड अलर्ट होते हैं। सबसे गंभीर ओरेंज और फिर उससे गंभीर रेड अलर्ट होता है। अगर हीटवेव या लू चार या उससे अधिक दिनों तक जारी रह सकती है तो वहां ओरेंज अलर्ट घोषित किया जाता है और जहां स्थिति ज्यादा गंभीर हो वहां रेड अलर्ट जारी करके चेतावनी दी जाती है। दरअसल, लू की स्थिति को भी दो हिस्सों में बांटा जाता है। जब अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस हो और सामान्य तापमान में वृद्धि 4.5 डिग्री सेल्सियस से 6.4 डिग्री सेल्सियस तक हो। जबकि मैदानी क्षेत्रों के लिए, लू की स्थिति तब होती है जब अधिकतम तापमान 45 डिग्री हो और भीषण लू उस वक्त चलती है जब यह 47 डिग्री या उससे अधिक हो।
रेड अलर्ट वाले 1 से 5 बजे तक ना निकलें
मौसम विभाग ने आगाह किया है कि जिन क्षेत्रों में 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है, वहां पर लोग दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक घर से बाहर ना निकलें क्योंकि उस वक्त धूप की तपिश सबसे ज्यादा होती है। वैसे भी लॉकडाउन के दौरान लोग कम ही घरों से निकलते हैं, अब उन्हें लॉकडाउन के साथ-साथ गर्मी का भी ध्यान रखना होगा।
क्या करें और क्या ना करें?
गर्मी का मौसम अपनी रफ्तार पकड़ चुका है और जिन हालातों से हम पहले से गुजर रहे हैं, उसमें आपको अपने स्वास्थ्य व प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) पर ध्यान देना जरूरी होता है। इस स्थिति में भी कई बार आपको आवश्यक सेवाओं के लिए या फिर जरूरी चीजों को लेकर बाहर निकलना पड़ता इसलिए इन चीजों का ध्यान जरूर रखें
- गर्मी के मौसम में भूख कम लगती है लेकिन ये जरूरी है कि आप अपनी डाइट पूरी रखें। इतना जरूर ध्यान दें कि हल्का खाएं। हरी सब्जियों का सेवन जरूर करें। खीरा, ककड़ी, लौकी आदि खाना सही रहेगा।
- ठंडे पानी से नहाएं लेकिन ध्यान रखें कि अगर आप बाहर की गर्मी से आए हैं तो आते ही ठंडे पानी से ना नहाएं, अपने शरीर को थोड़ा ठंडा होने दें फिर नहाएं।
- पानी का सेवन जरूर करते रहें फिर चाहे आप घर में हो या बाहर। शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी होता है और गर्मियों में इसकी जरूरत कुछ ज्यादा होती है। आप लस्सी, शिकंजी और शर्बत का भी सेवन कर सकते हैं। तरबूज, खरबूजा और कीवी जैसे रसीले फलों को खा सकते हैं या उसका जूस पी सकते हैं।
- अगर आप मॉर्निंग या इवनिंग वॉक पर जाते हैं तो सुबह धूप निकलने से पहले निकलें और शाम को जब जाना हो तो धूप कम होने के बाद ही जाएं। धूप से बचना जरूरी है और अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें।
- हल्के रंग के कपड़े पहनें और ढीले कपड़े पहनने का प्रयास करें।
- जब भी बाहर जाएं तो अपना सिर व चेहरा ढकने का प्रयास करें। आप ये कपड़े, रुमाल, हैट-कैप के जरिए कर सकते हैं। तेज रोशनी से बचने के लिए सन ग्लासेस पहनें जो आपकी आंखों को सुरक्षित रखेगा। घर लौटने पर आंखें अच्छे से धोएं इससे भी आराम मिलेगा। आप धूप में निकलते हैं तो छाता भी अपने साथ रखते हैं।
इस समय महामारी के बीच गर्मी का वार शुरू हुआ है। ऐसे में अगर हो सके तो बाहर किसी जरूरतमंद की मदद भी जरूर करें। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में कुछ क्षेत्रों में बारिश थोड़ी राहत दे सकती है लेकिन अभी जून-जुलाई की गर्मी बाकी है इसलिए अपना और अपनों का ध्यान रखें।