- हमें देश की आजादी का इतिहास गलत पढ़ाया गया। कांग्रेस ने आजादी के इतिहास में उन नायकों को सामने नहीं रखा, जिन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान दिया: मुख्यमंत्री
- कांग्रेस ने हमारे जनजातीय नायकों को कभी सम्मान नहीं दिया: चौहान
- कांग्रेस सरकार ने जनजातीय विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय भी बनाया तो उसका नाम जननायकों के बजाय इंदिरा गांधी पर रख दिया: CM
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के योगदान से ही देश आजाद होने का दावा कर लोगों को गलत इतिहास पढ़ाया है। गौरव कलश यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर आदिवासी क्रांतिकारी तांत्या भील उर्फ टंट्या मामा की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर में एक सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि हमें सही इतिहास नहीं पढ़ाया गया था। हमें बताया गया कि हमारे लिए आजादी सिर्फ महात्मा गांधी जी, नेहरू और इंदिरा जी ने हासिल की थी। मैं महात्मा गांधी को सलाम करता हूं। वह एक विश्व बंधु हैं लेकिन कांग्रेस ने हमें गलत इतिहास पढ़ाया।
उन्होंने कहा कि तांत्या मामा, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब पेशवा, भीम नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बिरसा मुंडा और कई अन्य जैसे क्रांतिकारियों का जीवन और भूमिका लोगों को कभी नहीं बताई गई।
चौहान ने आदिवासी प्रतीक बिरसा मुंडा की जयंती को चिह्नित करने के लिए 'जनजातीय गौरव दिवस' घोषित करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि टंट्या मामा ने साहूकारों के शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र लड़ाई का नेतृत्व किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि टंट्या मामा ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटते थे और गरीबों में धन बांटते थे।
उन्होंने कहा कि टंट्या मामा को धोखे से पकड़ा गया और जबलपुर जेल में अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया। भाजपा सरकार तांत्या मामा का सही इतिहास सिखाएगी। चौहान ने कहा कि यह दुख की बात है कि कांग्रेस ने एक आदिवासी विश्वविद्यालय का नाम (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी के नाम पर रखा था, न कि आदिवासी समुदायों के क्रांतिकारियों के नाम पर रखा। उन्होंने (कांग्रेस ने) केवल एक परिवार का महिमामंडन किया जबकि बाकी शहीदों को भुला दिया गया। लेकिन हम (भाजपा) इस ऐतिहासिक गलती को सुधार रहे हैं।
इस मौके पर सीएम ने टंट्या भील के वंशजों को सम्मानित किया और भील की प्रतिमा स्थापित करने की भी घोषणा की। गौरव कलश यात्रा 4 दिसंबर को तांत्या भील के शहादत दिवस पर एमपी के विभिन्न हिस्सों से गुजरने के बाद पातालपानी में संपन्न होगी।