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भारत का मुस्लिम समाज तालिबानी मानसिकता स्वीकार नहीं कर सकता- अजमेर दरगाह

Updated Jun 29, 2022 | 07:30 IST

अजमेर दरगाह के दीवान ने कहा कि भारत में मुस्लिम समाज तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं कर सकता है।

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'भारत का मुस्लिम समाज तालिबानी मानसिकता स्वीकार नहीं कर सकता'

अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने उदयपुर में एक दर्जी की हत्या किए जाने की घटना की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत के मुसलमान देश में कभी भी तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे।उदयपुर में मंगलवार को दो लोगों ने धारदार हथियार से एक दर्जी की हत्या कर दी और उसका वीडियो सार्वजनिक करते हुए कहा कि वे ‘‘इस्लाम के अपमान’’ का बदला ले रहे हैं।

'इस्लाम हिंसा को बढ़ावा नहीं देता'
खान ने एक बयान में कहा ‘‘कोई भी धर्म मानवता के खिलाफ हिंसा को बढावा नहीं देता है विशेष रूप से इस्लाम धर्म में सभी शिक्षाएं शांति के स्त्रोत के रूप में कार्य करती है।’’खान ने कहा कि आरोपी कुछ कट्टरपंथी समूहों का हिस्सा थे जो हिंसा के रास्ते से ही समाधन ढूंढते है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने भी हत्या की घटना की निंदा की है।

जमीयत ने भी की निंदा
उन्होंने एक बयान में कहा, "जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है। हमारे देश में क़ानून की व्यवस्था है, किसी को भी क़ानूम अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।’’मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने इस अवसर पर देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की। बता दें कि उदयपुर में मुस्लिम समाज के दो युवकों रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने पेशे से दर्जी कन्हैयालाल गोवर्धन की गला काटकर हत्या कर दी थी। 

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