प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को अनुसंधान एवं नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए ठोस प्रयास करने का शनिवार को आह्वान किया और राज्य सरकारों से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिक नीतियां बनाने का आग्रह किया।यहां आयोजित केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है।
थोड़ा हटकर सोचना होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हमें इस ‘अमृत काल’ में भारत को अनुसंधान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विभिन्न मोर्चों पर एकसाथ काम करना होगा। हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने शोध को स्थानीय स्तर पर ले जाना है। यह समय की जरूरत है कि सभी राज्य स्थानीय समस्याओं के स्थानीय समाधान खोजने के लिए नवाचार पर जोर दें।राज्यों में, राष्ट्रीय स्तर के अनेक वैज्ञानिक संस्थान होते हैं, national laboratories भी होती हैं। इनके सामर्थ्य का लाभ, इनकी expertise का पूरा लाभ भी राज्यों को उठाना चाहिए। हमें अपने साइंस से जुड़े संस्थानों को Silos की स्थिति से भी बाहर निकालना होगा।
इनोवेशन लैब्स बढ़ाने की जरूरत
मोदी ने कहा, ‘‘नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को अधिक से अधिक वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना पर जोर देना चाहिए। राज्यों में उच्च शिक्षण संस्थानों में भी नवोन्मेष प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।’’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2015 में 81 के मुकाबले बेहतर होकर 46 हो गई है।Innovation को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक संस्थानों के निर्माण पर और प्रक्रियाओं को सरल करने पर बल देना चाहिए। राज्यों में जो उच्च शिक्षा के संस्थान हैं, उनमें innovation labs की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए।