न्यूज की पाठशाला में डिप्लोमेसी की क्लास लगी, जिसमें फ्रेंडशिप के सबसे भरोसेमंद मॉडल का टेस्ट हुआ। और ये सबसे भरोसेमंद मॉडल है- भारत और रूस की दोस्ती। एक तरफ भारत अमेरिका के साथ है, तो दूसरी तरफ रूस चीन के साथ, इसके बावजूद भारत और रूस दूर नहीं हुए और जो लोग कहते थे कि भारत और रूस दूर होते जा रहे हैं तो ऐसे लोगों को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के दौरे से गलत साबित कर दिया।
सोमवार शाम हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई। भारत-रूस के 21 वार्षिक सम्मेलन की बैठक के लिए पुतिन भारत में थे। उनका दौरा 6 से 7 घंटे का ही था। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत एक बड़ी शक्ति है। एक मित्र देश है और एक ऐसा दोस्त जिस पर भरोसा कर सकते हैं। पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध मजबूत हो रहे हैं। डिफेंस और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग ऐसा है जैसा किसी देश से नहीं। पुतिन ने आतंकवाद पर मिलकर लड़ने की बात भी कही। अफगानिस्तान के हालात पर चिंता भी जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते सबसे अलग हैं। ये फ्रेंडशिप का भरोसेमंद मॉडल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में दुनिया में बहुत बदलाव आए हैं। लेकिन भारत रूस की दोस्ती वैसे ही मजबूत है।
पुतिन के भारत दौरे की अहमियत
- 2 साल में पहला द्विपक्षीय दौरा
- दोस्ती में भारत को प्राथमिकता दी
- भारत से दूरी की बातें खारिज हुईं
- अमेरिका, चीन, पाकिस्तान को संकेत
- भारत-रूस डिफेंस पार्टनरशिप जरूरी है