सवाल पब्लिक का में बात हुई यूपी की। देश के सबसे बड़े राज्य में सबसे बड़ी लड़ाई चल रही है। सियासत की लड़ाई। आज इस लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी ने सीधे-सीधे अखिलेश यादव पर हमला बोला और अखिलेश यादव पर कोरोना के टाइम में भाग जाने का आरोप लगा दिया। इतना ही नहीं गुंडाराज को लेकर भी योगी ने अखिलेश पर सीधा अटैक किया। उत्तर प्रदेश में अब तक अखिलेश यादव और उनकी पार्टी कहती थी कि कोरोना के समय यूपी का सिस्टम सरेंडर कर गया। योगी सरकार ने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया। लेकिन आज योगी आक्रामक हैं।
योगी ने यूपी के चंदौली में डिप्टी एसपी को लिंच करने की घटना को समाजवादी पार्टी के गुंडाराज से जोड़ दिया और अखिलेश यादव और उनकी पार्टी पर सीधा अटैक किया। हद तो ये है कि अखिलेश यादव इस पूरे मुद्दे पर डिफेंसिव दिख रहे हैं। अगर डिफेंसिव नहीं हैं तो उनके एक्शन से ऐसा लग रहा है कि उनके पास कोई जवाब नहीं। क्योंकि न तो समाजवादी पार्टी न अखिलेश यादव कोई काउंटर सफाई दे रहे हैं।
चंदौली क्यों यूपी में कैंपेन का मुद्दा बना?
चंदौली में रविवार को योगी की सभा थी। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता विरोध ज्ञापन देने जा रहे थे। सपा विधायक प्रभु नारायण यादव कार्यकर्ताओं को लीड कर रहे थे। 10 किमी पहले पुलिस ने पूरे काफिले को रोका दिया। पुलिस के रोकने पर समाजवादी पार्टी के लीडर्स आपे से बाहर हो गए और पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। MLA प्रभु नारायण यादव फ्रंट पर आ गए और डीएसपी की गर्दन पकड़कर खींची। प्रभु नारायण यादव ने डीएसपी को सिर से टक्कर मारी। इसके बाद विधायक और SP कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज हुई। योगी ने पूरी घटना को गुंडाराज से जोड़ा और बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया।
सवाल 1: कोरोना टाइम में कौन भागा..योगी या अखिलेश?
सवाल 2: 'गुंडाराज' पर योगी का प्रहार..अखिलेश 'लाचार'?
सवाल 3: यूपी को असली पहचान कौन दिलाएगा?