- निर्भया के दोषियों को तिड़ाड़ जेल में फांसी पर लटकाया गया
- सात वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद चारों को मिली सजा
- निर्भया की मां ने कहा-आज उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया
नई दिल्ली : सात वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार निर्भया को आज इंसाफ मिल गया। चारों दोषियों पवन, मुकेश, विनय शर्मा और अक्षय को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आखिरकार आज उनकी बेटी को न्याय मिल गया है। वह आज संतुष्ट है। आशा देवी ने कानूनी लड़ाई में उनका साथ देने वाले सभी लोगों को अपना धन्यवाद दिया है।
दोषियों को फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद निर्भया की मां ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'पहली बार निर्भया को इंसाफ मिला है। आज का दिन हमारी बच्चियों एवं महिलाओं के लिए है। देर से ही सही लेकिन इंसाफ मिला। मैं न्यायपालिका एवं सरकार को धन्यवाद देती हूं। हमारी अदालतों ने दोषियों के पैंतरे को खारिज किया। न्यायपालिका ने स्पष्ट कर दिया कि महिलाओं के साथ घिनौना अपराध होगा तो उन्हें सजा मिलेगी। कानून में जो कमियां हैं वह भी बाहर आईं।'
आशा देवी ने कहा, 'हमारी बेटी अब हमारे बीच नहीं है और वह लौटकर भी नहीं आएगी। उसके जाने के बाद हमने कानूनी लड़ाई शुरू की। यह लड़ाई उसके लिए थी लेकिन हम आगे भी अपनी बच्चियों के हक की लड़ाई लड़ते रहते रहेंगे। मैंने आज अपनी बेटी की तस्वीर को गले से लगाया और कहा कि आज तुम्हें न्याय मिलेगा।' सुप्रीम कोर्ट में पवन गुप्ता की अर्जी खारिज हो जाने के बाद निर्भया की मां ने 'विक्ट्री साइन' बनाकर अपनी जीत का इजहार किया। पवन ने अपनी फांसी पर रोक लगाने की मांग की थी।
आशा देवी ने कहा, 'मैं आज काफी संतुष्ट महसूस कर रही हूं क्योंकि आज हमारी बटी को न्याय मिल गया। इस घटना पर पूरा देश शर्मिंदा था। आज देश को भी न्याय मिल गया।' इसके पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'दो घंटे में उन्हें फांसी होने वाली है। हम सुप्रीम कोर्ट में हैं। दोषियों की आखिरी अर्जी भी खारिज हो गई। मैं अपने देश की सभी बच्चियों को धन्यवाद देना चाहूंगी। निर्भया के इंसाफ के लिए जो इतने वर्षों तक हमारे साथ रहे मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूं।'
चारों दोषियों को फांसी तिहाड़ के जेल नंबर तीन में हुआ। जेल के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। चारों दोषियों की फांसी को देखते हुए जेल के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई।