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निर्भया केस: दोषियों ने तिहाड़ जेल में कमाए थे हजारों रुपये, मुकेश ने काम करने से कर दिया था इंकार

Updated Mar 20, 2020 | 08:23 IST

निर्भया रेप केस के चारों दोषियों को आखिरकार फांसी पर लटका दिया गया। फांसी पर लटकने से पहले चार में से तीन दोषियों ने जेल में हजारों रुपये की भी कमाई की थी।

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निर्भया केस: दोषियों ने तिहाड़ जेल में कमाए थे हजारों रुपये
मुख्य बातें
  • निर्भया के गुनहगारों को को मिली फांसी, शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी के तख्ते पर लटकाया गया
  • फांसी पर लटकने से पहले जेल में चार में से तीन दोषियों ने कमाए थे पैसे
  • दोषियों द्वारा की गई कमाई और उनके कपड़े परिजनों को सौंपे जाएंगे

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरपे और हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया। फांसी दिए जाने के आधे घंटे बाद डॉक्टर ने चारों दोषियों की नब्ज देखी और फिर मृत घोषित किया। दोषियों ने अंतिम क्षण तक अपनी मौत की सजा को टालने की हरसंभव कोशिश की और गुरुवार आधी रात से लेकर शुक्रवार तड़के तक हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी एक भी नहीं चली।

कमाए थे इतने पैसे

इस मामले के चारों दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह ने फांसी पर लटकने से पहले ने जेल में रहने के दौरान हजारों रुपये की कमाई भी की थी जिसे अब उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। चार में से तीन दोषियों ने कारावास की अवधि के दौरान कुल 1,37,000 रुपये की कमाई की, जबकि चौथे दोषी ने काम नहीं करने का फैसला किया।

मुकेश ने काम नहीं करने का किया था फैसला

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोषी अक्षय ठाकुर ने जेल में मजदूरी करके 69,000 रुपये कमाए जबकि पवन गुप्ता ने 39,000 रुपये कमाए और दोषी विनय शर्मा ने 39,000 रुपये कमाए। चौथे आरोपी मुकेश कुमार ने जेल में किसी भी काम में शामिल नहीं होने का फैसला किया था और काम करने से इंकार कर दिया था। निर्भया के चारों दोषियों ने फांसी पर लटकने से पहले कोई अंतिम इच्छा जाहिर नहीं की थी। खबरों की मानें तो दोषियों की ओर से जेल में कमाए गए पैसे और उनका सामान तथा कपड़े उनके परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।

दोषियों ने हर पैंतरे अपनाए

आपको बता दें कि दोषियों ने फांसी से बचने के लिए जितना संभव हो सकता था उतने पैंतरे अपनाए। गुरुवार को हाईकोर्ट ने निर्भया मामले के दोषी पवन गुप्ता की उस सुधारात्मक याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने 2012 में हुए इस अपराध के समय नाबालिग होने का दावा किया था। जजों की खंडपीठ ने कहा, ‘मौखिक सुनवाई का अनुरोध खारिज किया जाता है। हमने सुधारात्मक याचिका और संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया। हमारे अनुसार यह कोई मामला नहीं बनता... इसलिए हम सुधारात्मक याचिका को खारिज करते हैं।’

इससे पहले गुरुवार को सजायाफ्ता चार दोषियों में से एक अक्षय सिंह की पत्नी पटियाला हाउस अदालत के बाहर बेहोश हो गई और खुद को सैंडल से मारना शुरू कर दिया । उसने बेहोश होने से पहले कहा कि मुझे भी न्याय चाहिए। मेरे और मेरे नाबालिग बेटे को भी फांसी दे दी जाए।

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