नई दिल्ली: 7 साल, 3 महीन और 4 दिन बाद निर्भया के चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को आज सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई। मेरठ के पवन जल्लाद ने इन दोषियों को फांसी दी। ऐसा कर पवन जल्लाद ने अपने दादा का रिकॉर्ड तोड़ा।
पवन ने एक साथ चार लोगों को फांसी दी, जबकि उसके दादा ने 2 लोगों को फांसी दी थी।
56 साल के पवन का परिवार पिछले 40 सालों से फांसी के पेशे से जुड़ा है। पवन के दादा कालू भी जल्लाद थे और पिता मम्मू भी पेशेवर जल्लाद थे। कालू जल्लाद ने इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी दी थी। उन्होंने रंगा बिल्ला को भी फांसी पर लटकाया था।
कालू ने अपने पिता लक्ष्मण के निधन के बाद ये काम संभाला था। निर्भया के दोषियों से पहले पवन ने 5 को फांसी लगाई है। 2 पटियाला में, एक-एक जयपुर, आगरा और नैनी इलाहाबाद में। पवन को सरकार हर महीने 5000 रुपए देती है।
पवन को जल्लाद बुलाए जाने से या इस काम से कोई आपत्ति नहीं है। उनका कहना है कि ये उनका काम है और वो ये करते हैं। पवन 17 मार्च को तिहाड़ जेल पहुंचे और फांसी का रिर्हसल किया। पवन की 5 बेटियां और 2 बेटे हैं।