- निर्भया के दोषियों को फांसी देने में चंद घंटे शेष रह गए हैं, इस बीच उनके हावभाव में बड़ा बदलाव देखने को मिला है
- दोषियों को सुबह 5:30 बजे फांसी दी जानी है, मौत को सामने देख दो दोषियों ने रात में भोजन भी नहीं किया
- रात में तिहाड़ जेल के बाहर एक पोस्टर लगा है, जिसमें निर्भया को श्रद्धांजलि देने की बात कही गई है
नई दिल्ली : निर्भया के दोषियों को फांसी देने में जबकि चंद घंटे शेष रह गए हैं, दोषियों के हावभाव में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। रात में दोषियों को भोजन दिया गया, जिनमें से दो ने खाना खाया, पर दो ने भोजन नहीं किया। दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी दी जानी है। हालांकि दोषियों की ओर से अंतिम क्षणों में भी इसे टालने के लिए हर पैंतरा अपनाया जा रहा है।
दोषियों के बदले हावभाव
दोषियों के वकील देर रात इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे। हालांकि इस दौरान उन्हें कोर्ट से 'वक्त बर्बाद' नहीं करने को लेकर फटकार भी मिली। इस बीच फांसी को तय जानते हुए तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के हावभाव में बदलाव देखने को मिला है।
अक्षय और पवन ने नहीं खाया खाना
बताया जाता है कि मुकेश और विनय ने तो गुरुवार रात भोजन किया, लेकिन अक्षय और पवन ने भोजन नहीं किया। इस बीच मुकेश के परिजनों ने जेल में उससे मुलकात की। दोषियों की ओर से किसी अंतिम इच्छा पर भी साइन नहीं किया गया है। जेल में उन्होंने जो कमाई की है, उसे जेल प्रशासन दोषियों के परिवारों को सौंप देगा।
तिहाड़ जेलकर्मियों से बदसलूकी!
इस बीच ऐसी रिपोर्ट्स भी हैं कि पवन और विनय ने तिहाड़ जेल में ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों से भी बदसलूकी की। बताया जा रहा है कि उन्हें अपने सेल के भीतर चीखते-चिल्लाते सुना गया है। पहले भी ऐसी रिपोर्ट्स आ चुकी हैं, जिनमें कहा गया कि दोषियों ने जेलकर्मियों के साथ गाली-गलौच और अभद्रता करने की कोशिश की।
सुबह जेल पहुंचेंगे मजिस्ट्रेट
दोषियों को तिहाड़ जेल में ही फांसी दी जानी है, जिसके लिए डमी के साथ परीक्षण भी किया जा चुका है। दोषियों की मृत्युदंड की सजा पर अमल के लिए मजिस्ट्रेट सुबह 5 बजे जेल पहुंचेंगे। फांसी पर लटकाने के बाद उनके शवों को पोस्टर्माटम के लिए सुबह करीब 8 बजे डीडीयू ले जाया जाएगा। इस संबंध में सभी प्रक्रियाओं का पालन होगा।
तिहाड़ के बाहर लगे पोस्टर
इस बीच जेल के बाहर एक पोस्टर भी लगा नजर आ रहा है, जिसमें निर्भया को श्रद्धांजलि देने की बात कही है। इसमें कहा गया है कि भारत आज अपनी बेटी को श्रद्धांजलि देगा, जब निर्भया के दोषियों को फांसी होगी। इसमें 20 मार्च को निर्भया डे के तौर पर मनाने की बात भी कही गई है। तिहाल जेल के बाहर से कुछ तस्वीरें भी आई हैं, जिसमें लोग जेल के एक गेट के पास खड़े नजर आ रहे हैं।
चलती बस में हुई थी दरिंदगी
पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ 16 दिसंबर, 2012 को एक बस में दरिंदगी हुई थी। उसने घर जाने के लिए बस ली थी, लेकिन वह कभी घर नहीं पहुंच सकी। दिल्ली के मुनिरका इलाके में चलती बस में उसके साथ 6 लोगों ने दरिंदगी की और फिर उसे व उसके साथी को चलती बस से फेंक दिया। दोनों को गंभीर चोट लगी थी।
मुख्य आरोपी ने कर ली थी खुदकुशी
बुरी तरह घायल निर्भया को इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना से देशभर में आक्रोश भड़क गया था। निर्भया के 6 दोषियों में से एक व मुख्य आरोपी बस ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य को नाबालिग होने के कारण तीन साल की कैद के बाद छोड़ दिया गया।