- महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले साथ ही बढ़ रहा है सियासी संकट
- देश के तकरीबन एक तिहाई कोरोना मामले केवल महाराष्ट्र से, मुंबई बना कोराना राजधानी
- अकेले मुंबई में हैं 32 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले
मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना लोगों के लिए काल बनता जा रहा है यहां संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। पूरे भारत में जहां अबतक तकरीबन 1.5 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं उसमें सबसे ज्यादा लोग महाराष्ट्र के हैं। महाराष्ट्र में कोरोना 52 हजार के आंकड़े को पार कर चुका है। यानी पूरे देश के एक तिहाई मामले महाराष्ट्र में हैं।
वहीं दूसरी तरफ देश की आर्थिक राजधानी देश का सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट बनी हुई है। अकेले मुंबई में 32,791 लोग संक्रमित हो चुके हैं और यहां मरने वालों का आंकड़ा 1065 हो गया है। ऐसे में वहां स्थिति पर लगातार कोशिशों के बावजूद नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री नितिन राउत ने राजनीतिक उठापटक के बीच कोरोना के खिलाफ जंग में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर विश्वास जताया है।
उद्धव के नेतृत्व में जीतेंगे युद्ध
राउत ने इस बारे में कहा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि प्रदेश की सरकार उद्धव ठाकरे जी के नेतृत्व में जरूर इस कोविड 19 के महायुद्ध में जीत हसिल कर लेगी। वहीं इससे पहले राउत ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस का देश में कहर का कारण केंद्र सरकार की लापरवाही है।
राउत ने कहा, हवाई जहाज से विदेश से लोग कोरोना को लेकर आए और मुंबई में फैलाया। तब केंद्र को ये समझ में नहीं आया कि हवाई जहाज की यात्रा को तुरंत रोके। मोदी सरकार ने संसद के सत्र को भी जारी रखा। 31 जनवरी को पहला मरीज सामने आया था। भारत सरकार ने कोरोना को शुरुआत में अनदेखा किया। इसलिए अब ये स्थिति बन गई है।