- महाराष्ट्र में कोरोना के मामले 50,000 से ज्यादा हो गए हैं
- देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही हैं
- मुंबई को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है, इसीलिए BJP के निशाने पर सरकार है
नई दिल्ली: भाजपा सांसद नारायण राणे ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी के साथ मुलाकात की और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उनका कहना है कि शिवसेना की अगुवाई वाली राज्य सरकार महामारी कोरोनो वायरस महामारी से निपटने में 'विफल' रही है, जिसके मद्देनजर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा अगर राष्ट्रपति शासन की बात कह रही है तो मैंने ये उनके किसी बड़े नेता के मुंह से नहीं सुना। मैंने देवेंद्र जी, अमित साहब और नितिन गडकरी जी को ये कहते हुए नहीं सुना है, ऐसे में मैं इस पर कैसे विश्वास कर लूं।
राणे ने संवाददाताओं से कहा कि संकट के इस समय में महा विकास आघाडी की सरकार सही तरीके से शासन चलाने में नाकाम रही है। यह सरकार शासन करने में अक्षम है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। राज्यपाल को इसके लिए पहल करनी चाहिए। राज्य सभा सदस्य राणे ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे अनुभवहीन मुख्यमंत्री हैं जो पुलिस और प्रशासन को नहीं चला सकते। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अस्पतालों की हालत दयनीय है।
उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने की मुलाकात
वहीं राउत ने कहा, 'शरद पवार और सीएम उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने डेढ़ घंटे तक बातचीत की। अगर कोई सरकार की स्थिरता के बारे में खबरें फैला रहा है, तो इसे उनका पेट दर्द माना जाना चाहिए। सरकार मजबूत है कोई चिंता नहीं। जब राज्य और देश मुश्किल समय से गुजर रहे हैं तब पवार जी और उद्धव जी जैसे प्रमुख नेता बैठते हैं और बातचीत करते हैं, तो किसी को भी परेशान नहीं होना चाहिए। अगर उद्धव ठाकरे जी से पवार साहब मुलाकात करते हैं तो इसमें वजह की बात क्या है? राज्य चलाने वाले दो प्रमुख नेता अगर आपस में बैठकर अगर राज्य पर चर्चा करते हैं तो मुझे लगता है इसमें किसी को तकलीफ होने जैसी कोई बात नहीं है।'